स्वयं सहायता समूह को सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस देने संबंधी शासनादेश को अदालत ने किया दरकिनार

By भाषा | Updated: May 24, 2021 23:25 IST2021-05-24T23:25:32+5:302021-05-24T23:25:32+5:30

The court bypassed the mandate to give a license to a cheap stall shop to the self-help group | स्वयं सहायता समूह को सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस देने संबंधी शासनादेश को अदालत ने किया दरकिनार

स्वयं सहायता समूह को सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस देने संबंधी शासनादेश को अदालत ने किया दरकिनार

लखनऊ, 24 मई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को जिलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह को वरीयता के आधार पर सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस देने का अधिकार दिए जाने संबंधी शासनादेश को दरकिनार कर दिया।

न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी की पीठ ने शासनादेश को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा सात जुलाई 2020 को जारी आदेश के जरिए जिलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह को वरीयता के आधार पर सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस देने का अधिकार दिया गया है। इससे संबंधित शासनादेश पांच अगस्त 2019 को जारी उस शासनादेश के विपरीत है जिसमें ग्राम सभाओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरक के तौर पर किसी स्थानीय ग्रामीण को चुनने का अधिकार दिया गया है।

पीठ ने कहा कि सात जुलाई 2020 को जारी शासनादेश निस्संदेह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों की अवहेलना है, क्योंकि इसमें पात्र ग्राम वासियों की सहभागिता को समाप्त कर दिया गया है।

अदालत ने सरकार द्वारा पुरानी प्रणाली में बदलाव कर अपंजीकृत स्वयं सहायता समूह को व्यवस्था में लाने पर आश्चर्य जाहिर किया और कहा कि सरकार ने इन स्वयं सहायता समूहों के मामले में कोई स्पष्टता नहीं रखी है।

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Web Title: The court bypassed the mandate to give a license to a cheap stall shop to the self-help group

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