भारत, पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम से शांति और सुरक्षा के नजरिये को बढ़ावा मिला: सेना प्रमुख
By भाषा | Updated: May 29, 2021 18:17 IST2021-05-29T18:17:37+5:302021-05-29T18:17:37+5:30

भारत, पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम से शांति और सुरक्षा के नजरिये को बढ़ावा मिला: सेना प्रमुख
(मानस प्रतिम भुइयां)
नयी दिल्ली, 29 मई सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा है कि पिछले तीन महीनों से जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच संघर्ष विराम से शांति और सुरक्षा के नजरिये को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक लंबी राह में यह पहला कदम है।
जनरल नरवणे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि हालांकि संघर्ष विराम का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई रुक गई है। उन्होंने कहा कि यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा एलओसी पर आतंकी ढांचे को खत्म कर दिया गया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के प्रयासों और आतंकवादी घटनाओं में कमी में निरंतरता भारत को अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ावा देने संबंधी पाकिस्तान के इरादे के बारे में आश्वस्त करेगी।
जनरल नरवणे ने कहा कि संघर्ष विराम समझौते के पालन से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के समग्र दृष्टिकोण में ‘‘निश्चित रूप से’’ योगदान मिला है और क्षेत्र में शांति के माहौल की संभावनाओं को बल मिला है।
भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम संबंधी सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर 25 फरवरी को सहमति जताई थी।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एलओसी पर संघर्ष विराम का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई रुक गई है। हमारे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर आतंकी ढांचे को खत्म कर दिया है।’’
अफगानिस्तान से 11 सितम्बर तक अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने संबंधी अमेरिकी प्रशासन के फैसले का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘चाहे उनकी अक्षमता हो या अनिच्छा, दोनों समान रूप से खतरनाक और चिंताजनक हैं।’’
संघर्ष विराम का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि समझौता लागू होने के बाद दोनों सेनाओं द्वारा सीमा पार से गोलीबारी की एक भी घटना नहीं हुई, हालांकि जम्मू सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों से जुड़ी एक घटना हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल, हमने जम्मू और कश्मीर में हिंसा के स्तर में भारी कमी देखी है। सुरक्षा बल और अन्य सरकारी एजेंसियां आतंकवादी समूहों पर दबाव बनाए रखने पर काम कर रही है।’’
जनरल नरवणे ने कहा कि एलओसी के पास नागरिकों और सैन्य जीवन के भारी नुकसान के कारण 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने पर नए सिरे से जोर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘गोलीबारी बंद करना दोनों सेनाओं के बीच विश्वास कायम करने, शांति का मौका देने और एलओसी पर रहने वाली आबादी के हित में है।’’
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की लंबी राह में यह पहला कदम है। हम अपनी ओर से संघर्ष विराम जारी रखना चाहेंगे ताकि संबंधों में स्थिरता और सुधार हो सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति के लिए एक अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस साल आर्थिक गतिविधियां बेहतर ढंग से शुरू हुई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण धीमी हो गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह एक अस्थायी विराम है और वाणिज्यिक गतिविधियां जल्द ही फिर से शुरू हो जाएंगी, क्योंकि सर्दी के महीनों के दौरान, हमने घाटी में पर्यटकों की एक रिकॉर्ड संख्या देखी थी।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी एक चिंता का विषय है और लोगों के पकड़े जाने के बाद वहां मानव रहित प्रणालियों के इस्तेमाल के प्रयास किये जा रहे है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इन घटनाक्रमों की निगरानी करना जारी रखे हैं और एक मजबूत घुसपैठ रोधी ग्रिड बनाया है । हम नही चाहते कि जम्मू-कश्मीर के युवा नशे, अपराध या हिंसा में लिप्त हों।’’
सेना प्रमुख ने कहा, "युवाओं ने खेल और शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करके, अपने परिवारों, अपने गांव, कस्बे, जिले और केंद्र शासित प्रदेश का नाम रोशन करके अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है।"
जनरल नरवने ने कहा कि भारतीय सेना विभिन्न खेल और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करके ऐसी आकांक्षाओं को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सरकार और 'अवाम' के ठोस प्रयासों से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
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