जासूसी के आरोप यदि सही हैं, तो गंभीर हैं: न्यायालय ने पेगासस मामले पर कहा

By भाषा | Updated: August 5, 2021 13:35 IST2021-08-05T13:35:23+5:302021-08-05T13:35:23+5:30

The allegations of espionage, if true, are serious: Court on Pegasus case | जासूसी के आरोप यदि सही हैं, तो गंभीर हैं: न्यायालय ने पेगासस मामले पर कहा

जासूसी के आरोप यदि सही हैं, तो गंभीर हैं: न्यायालय ने पेगासस मामले पर कहा

नयी दिल्ली, पांच अगस्त उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि इसको लेकर रिपोर्ट सही हैं तो पेगासस संबंधी जासूसी के आरोप गंभीर हैं। शीर्ष अदालत ने साथ ही एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकार एन राम सहित याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इजराइली स्पाइवेयर मामले की जांच के अनुरोध वाली अपनी अर्जियों की प्रतियां केंद्र को मुहैया करायें ताकि सरकार से कोई नोटिस स्वीकार करने के लिए मौजूद रहे।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की एक पीठ ने शुरू में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कुछ सवाल पूछे।

सीजेआई ने कहा, ‘‘इस सब में जाने से पहले, हमारे कुछ प्रश्न हैं। इसमें कोई शक नहीं, अगर रिपोर्ट सही है तो आरोप गंभीर हैं।’’ उन्होंने यह कहते हुए देरी का मुद्दा उठाया कि मामला 2019 में सामने आया था।

सीजेआई रमण ने कहा, ‘‘जासूसी की रिपोर्ट 2019 में सामने आयी थी। मुझे नहीं पता कि क्या और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई प्रयास किये गए थे।’’ उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कहना चाहते थे कि यह एक बाधा थी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह प्रत्येक मामले के तथ्यों में नहीं जा रही है और अगर कुछ लोगों का दावा है कि उनके फोन इंटरसेप्ट किये गए थे तो टेलीग्राफ अधिनियम है जिसके तहत शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।

सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं समझा सकता हूं। हमारे पास कई सामग्री तक पहुंच नहीं है। याचिकाओं में फोन में सीधी घुसपैठ के 10 मामलों की जानकारी है।’’

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता से अर्जियों की प्रति केंद्र को मुहैया कराने को कहा।

पीठ ने मामले की अगली सुनवायी 10 अगस्त तय करते हुए कहा, ‘‘उन्हें अर्जियों की प्रतियां सरकार को मुहैया कराने दें। नोटिस लेने के लिए सरकार की ओर से कोई पेश होना चाहिए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि हम किस मामले में नोटिस जारी करेंगे। उन्हें नोटिस प्राप्त करने के लिए हमारे समक्ष आने दीजिये और हम उसके बाद देखेंगे।’’

शीर्ष अदालत कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली नौ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा दायर याचिकाएं शामिल हैं।

ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके प्रमुख नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित जासूसी की रिपोर्ट से संबंधित हैं।

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे।

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Web Title: The allegations of espionage, if true, are serious: Court on Pegasus case

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