'PoK में लॉन्च पैड आतंकवादियों से 'फुल', लेकिन हम दे रहे हैं कड़ा जवाब'

By भाषा | Published: February 18, 2020 07:20 PM2020-02-18T19:20:00+5:302020-02-18T19:20:20+5:30

राजपूताना राइफल्स से ताल्लुक रखने वाले ढिल्लों नयी भूमिका में सही ढंग से ढले भी नहीं थे कि उन्होंने कायराना हमले के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ समन्वित अभियान और नियंत्रण रेखा पर घटनाक्रमों की निगरानी शुरू कर दी जहां स्थिति हर रोज खराब हो रही थी।

terror launch pads in PoK 'full', but our response hard and punishing says Lt Gen Kanwal Jeet Singh Dhillon | 'PoK में लॉन्च पैड आतंकवादियों से 'फुल', लेकिन हम दे रहे हैं कड़ा जवाब'

भारतीय सुरक्षाबल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी 'लॉन्च पैड' आतंकवादियों से 'पूरी तरह भरे हैं'। आतंकियों को संघर्षविराम उल्लंघन की आड़ में भारत में घुसाने के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों का जवाब 'कड़ाई और दंडात्मक' रूप से दिया जा रहा है।

सेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी 'लॉन्च पैड' आतंकवादियों से 'पूरी तरह भरे हैं' लेकिन उन्हें संघर्षविराम उल्लंघन की आड़ में भारत में घुसाने के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों का जवाब 'कड़ाई और दंडात्मक' रूप से दिया जा रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों को विश्वास है कि आतंकवादियों को घाटी में घुसाने और शांति में खलल डालने के प्रयासों में पाकिस्तान सफल नहीं हो पाएगा। ढिल्लों कश्मीर स्थित 15वीं कोर की रणनीतिक कमान के मुखिया हैं। 

उन्होंने कहा, 'सुरक्षाबलों ने मत निर्माताओं और नागरिक संस्थाओं के परामर्शदाताओं सहित विभिन्न पक्षों के साथ समन्वय से काम कर कश्मीर घाटी में शांति को सुदृढ़ किया है।' लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने रणनीतिक कमान का प्रभार पिछले साल फरवरी में संभाला था। अब दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में उनका तबादला हो गया है और वह जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 

रणनीतिक कमान के मुखिया के रूप में उनके कार्यकाल की शुरुआत काफी बड़ी चुनौती के साथ हुई और संबंधित पद पर उनके आसीन होने के एक सप्ताह के भीतर 14 फरवरी 2019 को राष्ट्र ने पुलवामा में एक बड़ा आत्मघाती हमला देखा जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मी शहीद हो गए। 

राजपूताना राइफल्स से ताल्लुक रखने वाले ढिल्लों नयी भूमिका में सही ढंग से ढले भी नहीं थे कि उन्होंने कायराना हमले के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ समन्वित अभियान और नियंत्रण रेखा पर घटनाक्रमों की निगरानी शुरू कर दी जहां स्थिति हर रोज खराब हो रही थी। किए गए एक सवाल के लिखित जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने पाकिस्तान के परोक्ष युद्ध के इतिहास के बारे में बात की और कहा कि पड़ोसी देश 30 साल से अधिक समय से लगातार आतंकियों की भारत में घुसपैठ में मदद करता रहा है। 

ढिल्लों ने कहा, 'पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सभी आतंकी शिविर और लॉंच पैड पूरी तरह भरे हैं। ये आतंकी कैडर हमारी चौकियों पर गोलीबारी करने वाली पाकिस्तानी सेना की मदद से घुसपैठ करना चाहते हैं। संघर्षविराम उल्लंघन पर हमारा मुंहतोड़ जवाब त्वरित, कठोर और दंडात्मक रहा है।' 

ढिल्लों ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बलों और गुप्तचर एजेंसियों की मदद से नियंत्रण रेखा और क्षेत्र के भीतर आतंकवाद को विफल करना सेना का मुख्य दायित्व है। उन्होंने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के दबदबे का उल्लेख किया और कहा कि भीतरी क्षेत्र में 'लोगों के साथ मित्रवत तरीके के साथ' प्रभावी आतंकवाद रोधी अभियानों से घाटी में स्थिति में सुधार हुआ है। 

ढिल्लों ने कहा कि अभियानगत सफलताओं, सुधरती सुरक्षा स्थिति और विभिन्न सरकारी पहलों’’ से स्थानीय कारोबार, पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र को काफी लाभ होगा।

Web Title: terror launch pads in PoK 'full', but our response hard and punishing says Lt Gen Kanwal Jeet Singh Dhillon

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