टेरर फंडिंग केसः NIA ने बताई पाक उच्चायोग की हकीकत, घाटी में अशांति फैलाने के लिए को मुहैया कराते थे पैसा

By भाषा | Published: October 5, 2019 09:55 AM2019-10-05T09:55:43+5:302019-10-05T09:55:43+5:30

आतंक वित्तपोषण मामला में एनआईए ने मलिक और अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका को भी उजागर किया।

Terror funding case: NIA tells the reality of the Pak High Commission, providing money to spread unrest in the valley | टेरर फंडिंग केसः NIA ने बताई पाक उच्चायोग की हकीकत, घाटी में अशांति फैलाने के लिए को मुहैया कराते थे पैसा

टेरर फंडिंग केसः NIA ने बताई पाक उच्चायोग की हकीकत, घाटी में अशांति फैलाने के लिए को मुहैया कराते थे पैसा

Highlights कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए धन मुहैया कराने के वास्ते पाकिस्तान उच्चायोग ने अलगाववादियों का समर्थन किया था। अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के लिए सुनवाई की अगली तिथि 23 अक्टूबर तय की।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के 2017 के एक मामले में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और चार अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ शुक्रवार को यहां की एक अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। तीन हजार पृष्ठों वाले आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए धन मुहैया कराने के वास्ते पाकिस्तान उच्चायोग ने अलगाववादियों का समर्थन किया था। 

यह मामला घाटी में 2017 में आतंकवाद के वित्त पोषण और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि आरोप पत्र में कश्मीरी अलगाववादियों आसिया अंद्राबी, शब्बीर शाह, मसरत आलम भट्ट और जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायक रशीद इंजीनियर के नाम भी आरोपियों के रूप में हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई। 

अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के लिए सुनवाई की अगली तिथि 23 अक्टूबर तय की। आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र में धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र), सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का कथित तौर पर षड्यंत्र करना (भादंसं की धारा 121) , 124 ए (राजद्रोह) और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया गया है। एनआईए ने जनवरी 2018 में सईद, एक अन्य आतंकवादी सरगना सैयद सलाहुद्दीन और दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिये कथित तौर पर धन मुहैया कराने और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आरोप पत्र दायर किया था। 

सईद और सलाहुद्दीन के अलावा अंतिम रिपोर्ट में शामिल 10 अन्य आरोपियों में हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी का दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी का निजी सहायक बशीर अहमद भट्ट, हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया सलाहकार आफताब अहमद शाह, अलगाववादी संगठन नेशनल फ्रंट के प्रमुख नईम अहमद खान, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (आर) के अध्यक्ष फारूक अहमद डार, हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी धड़े) के मीडिया सलाहकार मोहम्मद अकबर, तहरीक-ए-हुर्रियत के अधिकारी मेहराजुद्दीन कलवाल, हवाला कारोबारी जहूर अहमद शाह और दो पत्थरबाज कामरान युसूफ और जावेद अहमद भट्ट शामिल हैं। एनआईए के मुताबिक, मामला 30 मई 2017 को दर्ज हुआ था और पहली गिरफ्तारी 24 जुलाई, 2017 को हुई थी।

Web Title: Terror funding case: NIA tells the reality of the Pak High Commission, providing money to spread unrest in the valley

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