पूर्वी लद्दाख में तनावः भारत ने युद्ध तैयारियों को और मजबूत किया, कंधे से दागी जानी वाली मिसाइलों के साथ जवान तैनात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 26, 2020 09:57 PM2020-08-26T21:57:34+5:302020-08-26T21:57:34+5:30

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कदम इलाके में चीनी हेलिकॉप्टर की बढ़ी गतिविधियों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। उन्होंने बताया कि मिसाइलों की मारक क्षमता दो से पांच किलोमीटर है और ये कम ऊंचाई पर उड़ रहे हेलिकॉप्टर और विमानों को मार गिराने में सक्षम हैं।

Tension East Ladakh India strengthens war preparations troops deployed shoulder-fired missiles | पूर्वी लद्दाख में तनावः भारत ने युद्ध तैयारियों को और मजबूत किया, कंधे से दागी जानी वाली मिसाइलों के साथ जवान तैनात

अग्रिम ठिकानों परी बड़ी संख्या में सुखोई-30एमकेआई, जगुआर और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है। (file photo)

Highlightsबड़ी संख्या में जवानों की तैनाती पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना और वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा है। नियंत्रण रेखा के पास विभिन्न संवेदनशील इलाकों में टैंक, और तोप सहित हथियारों और जवानों की तैनाती में उल्लेखनीय वृद्धि की है।प्रमुख ठिकानों पर अग्रिम मोर्चा लेने वाले लड़ाकू विमानों, हमलावर हेलिकॉप्टर और परिवहन बेड़े की तैनाती बढ़ाई है।

नई दिल्लीः भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में युद्ध तैयारियों को और मजबूत करते हुए कई संवदेनशील स्थानों पर कंधे से दागी जानी वाली मिसाइलों के साथ जवानों की तैनाती की है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कदम इलाके में चीनी हेलिकॉप्टर की बढ़ी गतिविधियों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। उन्होंने बताया कि मिसाइलों की मारक क्षमता दो से पांच किलोमीटर है और ये कम ऊंचाई पर उड़ रहे हेलिकॉप्टर और विमानों को मार गिराने में सक्षम हैं। कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों के साथ बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना और वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा है।

सूत्रों ने बताया कि गत कुछ हफ्तों में चीनी वायुसेना की गतिविधयां इस इलाके में बढ़ गई थी जिसके बाद सेना ने कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों के साथ जवानों की तैनाती का फैसला किया। भारतीय सेना ने गत कुछ हफ्तों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विभिन्न संवेदनशील इलाकों में टैंक, और तोप सहित हथियारों और जवानों की तैनाती में उल्लेखनीय वृद्धि की है।

भारतीय वायुसेना ने भी एलएसी के आसपास हवाई सीमा की सुरक्षा के लिए मौजूद प्रमुख ठिकानों पर अग्रिम मोर्चा लेने वाले लड़ाकू विमानों, हमलावर हेलिकॉप्टर और परिवहन बेड़े की तैनाती बढ़ाई है। वायुसेना ने इलाके में वायु रक्षा प्रणाली की तैनाती भी बढ़ा दी है।

वायुसेना पहले ही लेह और श्रीनगर सहित अपने अग्रिम ठिकानों परी बड़ी संख्या में सुखोई-30एमकेआई, जगुआर और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है। अग्रिम ठिकानों पर अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर और भारी सामान और जवान ले जाने में सक्षम चिनूक हेलिकॉप्टर की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि गत ढाई महीनों में चीन और भारत के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत होने के बावजूद पूर्वी लद्दाख में गतिरोध दूर करने के उपायों पर सहमति नहीं बन पाई है।

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