तेलंगाना सरकार 17 अगस्त को आधिकारिक रूप से ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाए : पात्रा
By भाषा | Published: August 31, 2021 10:31 PM2021-08-31T22:31:22+5:302021-08-31T22:31:22+5:30
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को मांग की कि तेलंगाना सरकार आधिकारिक रूप से 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाए’। इसके साथ ही उन्होंने कथित बेरोजगारी और परिवार के शासन को लेकर तेलंगाना सरकार की आलोचना की। भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष और सांसद बंडी संजय कुमार की चल रही ‘पदयात्रा’ में शामिल होने आए पात्रा ने हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में शामिल करने में देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की शानदार भूमिका को याद किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पात्रा ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, उसी प्रकार हैदराबाद और तेलंगाना के प्रत्येक निवासी को 17 सितंबर ‘मुक्ति दिवस’ के तौर याद करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद रियासत का 17 सितंबर 1948 को भारत में विलय हुआ था। पात्रा ने तेलंगाना की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार को 17 सितंबर को ‘मुक्ति दिवस’ मनाने की ‘चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री (के चंद्रशेखर राव) को चुनौती देता हूं। मुख्यमंत्री जी आपने वादा किया था कि जब आप सत्ता में आएंगे और तेलंगाना राज्य का गठन होगा तो आप मुक्ति दिवस मनाएंगे... वह कौन है, जिसके भय से आप मुक्ति दिवस नहीं मना रहे हैं? मैं चुनौती देता हूं। 17 सितंबर आ रहा है। आप मुक्ति दिवस मनाएं। अन्यथा बंडी संजय जी और भाजपा मुक्त दिवस मनाएगी क्योंकि हम राष्ट्रवादी हैं...।’’ पात्रा ने उन खबरों को याद किया जिसमें कथित तौर पर कुछ साल पहले एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) का नाम लेकर पुराने हैदराबाद के चार मीनार इलाके में अभियान शुरू करने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि बंडी संजय कुमार ने उस चुनौती को खंडित कर चार मीनार इलाके स्थित भाग्य लक्ष्मी मंदिर से 28 अगस्त को ‘पदयात्रा’ शुरू की है। पात्रा ने दावा किया कि दिल्ली से हैदराबाद की उड़ान में उनके साथ यात्रा कर रहे तेलंगाना के युवाओं ने मंगलवार को बताया कि राज्य में ‘‘भू माफिया, रेत माफिया और शराब माफिया’’ है। भाजपा प्रवक्ता के मुताबिक युवाओं ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री का परिवार- बेटा-बेटी- दामाद- राजनीतिक रूप से रोजगार प्राप्त है लेकिन आम जनता बेरोजगार है।
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