तेलंगाना चुनाव: मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर बरसे दासोजू श्रवण, जनता में द्वेष को बढ़ावा देने का लगाया आरोप
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 31, 2018 02:01 PM2018-10-31T14:01:21+5:302018-10-31T14:01:21+5:30
डॉ दासोजू श्रवण ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने टीआरएस के नेताओं को खुश करने के लिए दोनों राज्यों के लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की है।
शिरीष कुलकर्णी
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता डॉ दासोजू श्रवण ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान आंध्र प्रदेश के पुलिस कर्मियों की सेवाओं का उपयोग नहीं करने के बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रजत कुमार दिये गये बयान की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि वे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की जनता के बीच द्वेष को बढ़ावा दे रहे हैं।
आज यहाँ जारी अपने प्रेस वक्तव्य में डॉ दासोजू श्रवण ने यह आरोप लगाया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी देश के संविधान के अनुसार अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हंख या फिर तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के हुक्म की तामील कर रहे हैं।
उन्होंने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार हैदराबाद 10 वर्षों तक तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी होने के प्रावधान की याद दिलाते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा इस अधिनियम का पालन करने के बजाए टीआरएस के भजन गाना उचित नहीं है।
डॉ दासोजू श्रवण ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने टीआरएस के नेताओं को खुश करने के लिए दोनों राज्यों के लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की है। वे यह कहने से भी नहीं चूके कि यदि आंध्र का कोई पुलिसकर्मी व्यक्तिगत रूप से किसी प्रकार की अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी कानूनी तौर पर शिकायत दर्ज कर कार्रवाई कर सकते है, लेकिन उनके द्वारा समूचे आंध्र प्रदेश के सभी पुलिस कर्मियों को एक ही नज़रिये से देखना अनुचित और पक्षपातपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने संपूर्ण आंध्र प्रदेश की पुलिस की सेवाओं का उपयोग नहीं करने की बात कहकर न केवल पूरी पुलिस प्रणाली का अपमान किया है बल्कि एक गलत संदेश दिया भी दिया है पुलिस कर्मी अपने राज्य के प्रति इकतरफा बर्ताव करते हैं।
डॉ। श्रवण ने कहा कि आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के बीच गठबंधन होने से इन दोनों पार्टियों की लोकप्रियता का ग्राफ बढ गया है। वहीं टीआरएस के नेता अपनी पार्टी की लोकप्रियता में आ रही गिरावट से चिंतित और निराश होकर सीमांध्र के लोगों को तरह के तरह के प्रलोभन देने की कोशिश कर रहे हैं।
इस क्रम में जहाँ एक ओर कार्यवाहक मुख्यमंत्री कल्वकुंटला चंद्रशेखर राव (केसीआर) आंध्र प्रदेश के लोगों को लेकर गालियाँ दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे के। तारक रामाराव (केटीआर) सीमांध्र के लोगों के वोट हासिल करने के लिए उनके पैर छू रहे हैं।
डॉ श्रवण ने कहा कि हाल ही में सीमांध्र के लोगों को लेकर टीआरएस के रुख में काफी बडे पैमाने पर विरोधाभास नज़र आ रहा है। मुख्यमंत्री के। चंद्रशेखर राव ने कोंगर कलान में आयोजित अपनी विशाल जनसभा में सीमांध्र के लोगों के प्रति ज़हर उगलने के साथ ही निज़ामाबाद में दिये अपने भाषण में क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की कोशिश की थी, वहीं दूसरी ओर केटीआर में हाल ही में आयोजित अपने ‘मना अंडारी हैदराबाद’ कार्यक्रम में पूरी तरह विपरीत भाषण दिया था।
उन्होंने कहा कि बाप-बेटे के इस तरह एक-दूसरे के विपरीत भाषणों से यह साफ हो जाता है कि यह दोनों काफी अधिक आशांत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केसीआर और केटीआर जनता को यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि तेलंगाना एक पृथक क्षेत्र है और यहाँ रहने के लिए सीमांध्र के लोगों को कल्वाकुंटला से लाइसेंस लेना होगा।
डॉ श्रवण ने कहा कि हैदराबाद विभिन्न क्षेत्रों से आकर बसे लोगों का घर है। अंग्रेज़ों के कई वंशज इस शहर के तारनाका क्षेत्र में रहते हैं, जबकि मलकाजगिरी तमिल और मलयाली लोगों का क्षेत्र है।
इसी तरह हज़ारो राजस्थानी और गुजराती लोग शहर के बेगम बाज़ार में रहते हैं, जबकि यमन और सऊदी अरब मूल के लोग इस शहर के बारकस इलाके में रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की भिन्नता रखने वाले शहर के लोगों की सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
(शिरीष कुलकर्णी हमारे संवादाता हैदराबाद से जुड़े हैं)