चुनाव में मिली करारी हार के बाद हुई राजद समीक्षा बैठक में नहीं गये तेज प्रताप, पत्र लिखकर बताई हार की वजह
By एस पी सिन्हा | Published: May 28, 2019 07:41 PM2019-05-28T19:41:28+5:302019-05-28T19:41:28+5:30
भाई तेजस्वी यादव को मुश्किलों में फंसता देख अब तेज प्रताप खुले तौर पर तेजस्वी के समर्थन में उतर आए हैं. तेज प्रताप ने छोटे भाई तेजस्वी यादव के समर्थन में ट्वीट कर कहा है कि जिसे भी तेजस्वी के नेतृत्व पर शक है वो राजद छोडकर जा सकता है.
लोकसभा चुनाव में बिहार में मिली करारी हार के बाद राजद की हुई समीक्षा बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे लाल तेज प्रताप यादव पटना रहते हुए खुद तो नही गये, लेकिन अपने सहायक के माध्यम से एक पत्र जरूर भेजा. पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के आवास पर संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें लोकसभा चुनाव में हारे हुए सभी प्रत्याशी के साथ-साथ पार्टी के बडे नेता पहुंचे.
पत्र में तेज प्रताप यादव ने बताई हार की वजह
तेज प्रताप यादव ने एक पत्र लिखकर अपने पीए के द्वारा संदेश भेज दिया है. पीए सृजन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया कि पत्र में क्या है. पर, तेज प्रताप यादव ने अपनी पूरी बात लिख दी है कि किस वजह से पार्टी की हार हुई है. इसमें उन्होंने अपने मन की बात बताई है और अपने अर्जुन को कुछ सलाह भी दी है. तेजप्रताप ने अपनी पीडा व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने सिर्फ दो सीटें ही मांगी थीं. जिसने टिकट बांटा और जो चुनाव लडे उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए. हालांकि उन्होंने 2020 में साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. उन्होंने लिखा कि 2020 में साफ छवि के लोगों को टिकट दिया जाए. तेजप्रताप ने ईवीएम भगाओ देश बचाओ आंदोलन करने की बात भी कही. उन्होंने लालू यादव को अपना राजनीतिक गुरु बताते हुए कहा कि बडे भाई होने के नाते मेरी बात सुनी जाए. तेजप्रताप ने अपने खत में ये इस बात पर भी सांकेतिक भाषा में सफाई पेश की है कि उन्होंने जहानाबाद में राजद के प्रत्याशी का विरोध क्यों किया. उन्होने तेजस्वी से आग्रह करते हुए लिखा है कि पार्टी की एकता बनाए रखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में स्वच्छ एवं योग्य उम्मीदवारों को ही टिकट दें.उन्होंने लिखा है कि 2019 के परिणाम हमलोगों के लिए अच्छे नहीं रहे, लेकिन इसको लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है. सामाजिक न्याय और गरीब-गुरबों के हक की लडाई आगे भी मिलकर लडेंगे.
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो: तेज प्रताप यादव
अंत में उन्होंने एक कविता के माध्यम से अपनी बात भी रखी है, उन्होंने लिखा- असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो. क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो. जब तक न सफल हो, नींद चैन त्यागो तुम. संघर्ष का मैदान छोड मत भागो तुम. कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. लेकिन भाई को मुश्किलों में फंसता देख अब तेज प्रताप खुले तौर पर तेजस्वी के समर्थन में उतर आए हैं. तेज प्रताप ने छोटे भाई तेजस्वी यादव के समर्थन में ट्वीट कर कहा है कि जिसे भी तेजस्वी के नेतृत्व पर शक है वो राजद छोडकर जा सकता है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में राजद की बुरी हार होने के बाद पार्टी के भीतर से ही तेजस्वी को बदलने की मांग उठने लगी थी. लेकिन भाई को मुश्किलों में फंसता देख अब तेज प्रताप खुले तौर पर तेजस्वी के समर्थन में उतर आए हैं. यहां बता दें कि चुनाव में हार के बाद राजद के ही मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट सीट से विधायक महेश्वर यादव ने तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा था. महेश्वर का कहना है कि लोकसभा में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद नैतिकता के आधार पर तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही महेश्वर यादव ने लालू यादव को भी निशाने पर लिया था.
वहीं बैठक में हार के कारणों पर चर्चा हुई. इस बैठक में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, शिवानंद तिवारी, रामचंद्र पूर्वे, आलोक मेहता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी