बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक देख नीतीश सरकार पर हमलावर हुए तेजस्वी यादव, बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा
By एस पी सिन्हा | Published: September 4, 2020 06:48 PM2020-09-04T18:48:08+5:302020-09-04T18:48:08+5:30
तेजस्वी यादव अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आप उनके कर कमलों द्वारा बिहार को सौंपी गई रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी और पलायन पर सवाल करेंगे तो वो ग़ुस्से से लाल हो जायेंगे क्योंकि युवाओं की दो पीढ़ियां बर्बाद कर दिया है।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीका आता जा रहा है और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रूख और तेज करते जा रहे हैं. उन्होंने आज ट्वीट कर एक बार फिर से राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
तेजस्वी अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आप उनके कर कमलों द्वारा बिहार को सौंपी गई रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी और पलायन पर सवाल करेंगे तो वो ग़ुस्से से लाल हो जायेंगे क्योंकि युवाओं की दो पीढ़ियां बर्बाद करने के बाद जवाब देने के लिए कुछ है ही नहीं.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि युवाओं का वर्तमान और भविष्य बर्बाद करने वाले नीतीश जी अब आपसे यह करबद्ध प्रार्थना है कि आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे सबसे अधिक प्रासंगिक और ज्वलंत मुद्दे पर ईमानदारी से बोलिए! उन्होंने कहा है कि बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है. 46.6 फीसदी बेरोजगारी दर का अर्थ है कि बिहार का हर दूसरा युवा बेरोजगार है. 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है.
जिन मुट्ठीभर लोगों के पास संविदा के नाम पर रोजगार है, वह भी उसे नियमित किए जाने की मांग को लेकर सडकों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं! जिन्होंने परीक्षा दी वो नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए वो बहाली के लिए सडकों पर आवाज़ उठा रहे हैं! तेजस्वी ने कहा है कि 15 साल से रोजगार मिटाने के लिए वर्तमान सरकार एक सुदृढ नीति भी नहीं बना पाई.
रोजगार देना तो बहुत दूर की बात है! नियोजन के नाम पर सरकार एक तिहाई वेतन पर समान कार्य करवा कर सरकार नियोजित कर्मियों का शोषण कर रही है. नियमित नौकरियों में इतना भ्रष्टाचार और घूसखोरी है कि कोई योग्य विद्यार्थी इसमें अपनी जगह बना ही नहीं पाता है!
तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के मसले पर सरकार को कठघडे में खडा करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार ने बिहार को बेरोजगारी का सबसे बडा केन्द्र बना दिया है. साथ ही, अब इस मसले पर बात करने से भी डरती है. उन्होंनें ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया है कि सरकार राज्य के युवकों को भ्रमित कर रही है.
नौकरियां छीन ली गईं. पुराने उद्योग धंधे बंद हो गये. एक भी नया कारखाना नहीं खुला. ऐसे में रोजगार का अवसर कहां से पैदा होगा? ऊपर से सरकार से इस मसले पर बात करने की कोशिश करने पर सत्ता में बैठे लोग पोल खुल नहीं जाए, लिहाजा वह इस मसले की चर्चा नहीं करते.
15 वर्षों में बिहार में कोई उद्योग नहीं लगे, कोई पूंजी निवेश नहीं हुआ, निजी संगठित क्षेत्र के रोजगार और नौकरियों के अवसर उत्पन्न हुए ही नहीं, कुटीर और घरेलू उद्योगों के लिए सरकारी अनुदान और प्रोत्साहन राशि पाने में घूसखोरी, अफसरशाही और लाल फीताशाही की इतनी दीवारें हैं कि बिना भाई भतीजावाद और रिश्वत के इसे पाना असंभव है!
मुख्यमंत्री नीतीश जी से अपील है कि रोजगार सृजन के मुद्दे पर वो जनता के सामने आएं और बताएं कि क्यों इतना लंबा कार्यकाल व अनुभव के बावजूद उन्होंने नौकरियों के लिए कुछ नहीं किया? क्यों 15 साल की लंबी अवधि तक शासन करने के बावजूद उन्हें बचकाने बहाने और ध्यान भटकाऊ हथकंडों के पीछे छुपना पड रहा है? क्यों दो पीढियों की प्रतिभा, सम्भावना और योग्यता को आपने अपनी शिथिल, पलटीमार और विकल्पहीन राजनीति से लील दिया?