तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर एकबार फिर बोला हमला, कहा- बिहार पुलिस की ना बंदूक चलती है और ना ही जीप

By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2019 01:20 AM2019-08-24T01:20:08+5:302019-08-24T01:20:08+5:30

यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार के दौरान रायफलों से फायरिंग नहीं होने की खबर ने सुपौल से लेकर पुलिस मुख्यालय में खलबली मचा दी थी.

Tejashwi Yadav once again attacked CM Nitish Kumar, saying - Bihar police neither gun nor jeep | तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर एकबार फिर बोला हमला, कहा- बिहार पुलिस की ना बंदूक चलती है और ना ही जीप

तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर एकबार फिर बोला हमला, कहा- बिहार पुलिस की ना बंदूक चलती है और ना ही जीप

तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर एकबार फिर बोला हमला, कहा- बिहार पुलिस की ना बंदूक चलती है और ना ही जीप

एस०पी०सिन्हा,पटना।
पटना,23 अगस्त। बिहार की राजनीति के साथ-साथ सोशल मीडिया पर लंबे अंतराल के बाद सक्रिय हुए राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने आज ट्वीट कर कहा कि 'आप जानते है कि नहीं, 14 वर्ष से आपके अधीन बिहार पुलिस की ना बंदूक चलती है और ना ही जीप. 

ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अपराध खत्म करने की चिंता किसे है? जब पुलिस जानती है, हमारे सीएम साहब और उनकी टोली के जुबानी सुशासनी हमले इतने तेज है कि उन्हीं से अपराधी थर-थर कांप जाते हैं. उल्लेखनीय है कि सुपौल जिले के बलुआ में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार के मौके पर बिहार पुलिस की बंदूकों के एक साथ फेल होने पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरा था.

वहीं, आज हाजीपुर में और गुरूवार को पतना के ट्राफीक एसपी के पुलिस जीप को धक्का लगाने को लेकर हमला बोला है. साथ ही कहा है कि 14 साल से राज भोगने के बाद भी आप इसका दोष पूर्ववर्ती सरकार को देने में स्वतंत्र है. एकमात्र यही तो आपकी उपलब्धि है कि अपनी नाकामियों को दूसरे के मत्थे जड दो. 

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के गार्ड ऑफ ऑनर देने में बन्दूकें फेल कर गईं थीं, जिससे बिहार पुलिस की काफी किरकिरी हुई है. इसमें अब पता चला है कि गार्ड ऑफ ऑनर के लिए बंदूकों में उपयोग किए गए कारतूस एक्सपायर्ड थे. और तो और कारतूस भी बनाने वालों की नहीं, उसे रखने वालों की गडबडी थी. असल में, 1996 में निर्मित इन कारतूसों की जिंदगी तीन साल ही होती है, लेकिन सुपौल पुलिस लाइन ने एक्सपायरी के 20 साल बाद इन्हें इस्तेमाल करने के लिए रायफलों में भरवा दिया था.

यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार के दौरान रायफलों से फायरिंग नहीं होने की खबर ने सुपौल से लेकर पुलिस मुख्यालय में खलबली मचा दी थी. राइफल की जांच मौके पर ही हो गई थी, बाद में जब कारतूसों की जांच की गई तो पता चला कि पुलिस लाइन के आर्मरर ने एक्सपायरी ब्लैंक कार्टरीज जवानों को दे दी थी. इसके बाद कोसी रेंज के डीआईजी सुरेश चौधरी ने बताया कि आर्मरर की लापरवाही की वजह से पुरानी ब्लैंक कार्टरिज जवानों को दे दी गई थी. जिसकी वजह से यह फायर नहीं हो सका. उन्होंने इस मामले में आर्मरर को निलंबित कर दिया गया है. 

बताया जाता है कि ब्लैंक कार्टरिज किसी वीआईपी के अंतिम संस्कार के दौरान इस्तेमाल होता है. बिहार के सभी पुलिस लाइन के रक्षित शाखा में इसे रखा जाता है. इसके प्रभारी पुलिस लाइन के आर्मरर होते हैं. ब्लैंक कार्टरिज में बुलेट नहीं होता है. यह केवल आवाज के लिए बनाया जाता है. सुपौल में 21 रायफलों की चुप्पी पर पूरे देश में किरकिरी के बाद जांच के क्रम में सामने आया कि सुपौल जिला पुलिस लाइन से पिछली शताब्दी के कारतूस निकले थे.

Web Title: Tejashwi Yadav once again attacked CM Nitish Kumar, saying - Bihar police neither gun nor jeep

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