बिहार में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पहली बार एक साथ नजर आये लालू प्रसाद यादव के दोनों "लाल", 'तेज ब्रदर्स'
By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2019 06:22 PM2019-05-12T18:22:05+5:302019-05-12T18:22:05+5:30
तेज प्रताप ने दोनों भाईयों को कृष्ण और अर्जुन का रूप बताया. इस दौरान जब भीड़ से 'करण-अर्जुन' की आवाज आई तो उसे नकारते हुए तेज प्रताप ने कहा कि वे दोनों भाई 'करण-अर्जुन' नहीं, 'कृष्ण-अर्जुन' हैं.
बिहार में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लंबे समय से अलग-अलग रह रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों "लाल" तेज प्रताप यादव व तेजस्वी यादव आज पहलीबार एक साथ चुनाव प्रचार करते नजर आये.
तेज ब्रदर्स (तेज प्रताप व तेजस्वी) की यह जोड़ी ने आज बिहार में तीन जगहों पर (भोजपुर, नालंदा और पाटलिपुत्र) चुनाव प्रचार किया. वैसे लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर की वोटिंग से ठीक पहले दोनों भाई एक साथ चुनाव प्रचार के लिए निकले.
यहां बता दें कि इससे पहले दो मौके ऐसे आए, जब कार्यक्रम के बावजूद भी दोनों भाई एक साथ चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सके थे. 10 मई को तेजप्रताप यादव का बोर्डिंग पास नहीं बन सका था, जिससे वह ऐन मौके पर अपने छोटे भाई के साथ चुनाव प्रचार के लिए हवाई यात्रा पर नहीं जा सके थे.
इस मसले पर तेजस्वी यादव से जब मीडिया ने पूछा तो उन्होंने साफ कहा था कि हमारे चुनावी कार्यक्रम में तेजप्रताप के साझा चुनाव प्रचार का जिक्र ही नहीं है.
हालांकि, दूसरी तरफ तेजप्रताप ने दावा किया था कि आज तेजस्वी यादव के साथ उन्हें हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार के लिए जाना था. बिहार में अंतिम चरण की वोटिंग 19 मई को होनी है. ऐसे में अंतिम चरण के चुनाव से पहले दोनों भाईयों का एक मंच पर आना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का केंद्र बन गया है.
चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए तेजप्रताप यादव व तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने लालू परिवार को बेवजह बदनाम करने का आरोप लगाया. तेज प्रताप ने दोनों भाईयों को कृष्ण और अर्जुन का रूप बताया.
इस दौरान जब भीड़ से 'करण-अर्जुन' की आवाज आई तो उसे नकारते हुए तेज प्रताप ने कहा कि वे दोनों भाई 'करण-अर्जुन' नहीं, 'कृष्ण-अर्जुन' हैं.
तेज प्रताप ने कहा कि वे कृष्ण के वंशज हैं और उनका हीरो केवल तेजस्वी यादव है. तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि पलटू चाचा ने रातों रात चोर दरवाजे से घुसकर लालू एंड फैमिली को बदनाम किया है.
साथ दिखे लालू के दोनों लाल
वहीं, तेजस्वी यादव ने राजू यादव के पक्ष में वोट मांगते हुए आम जनता से कहा कि हमारे बडे भाई तेज प्रताप यादव आप लोगों के बीच आरा में तीन तारा के लिए वोट मांगने आएं है. यह चुनाव देश का सबसे बडा चुनाव है. यह पहला चुनाव है जब लालू यादव हम लोगों के बीच उपस्थित नहीं हैं.
जनता को गोलबंद करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी लोग गोलबंद हो जाये क्योंकि देश सुरक्षित नहीं है. देश का संविधान खतरे में गरीबों के आरक्षण समाप्त होने वाला है. तेजस्वी यादव ने आरा में माले समर्थकों पर हुए हमले की निंदा करते हुए मंच से एक बार फिर विपक्षियों पर अपनी भडास निकाली.
एक अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की सरकार 10 फीसदी आरक्षण देकर ओबीसी के कोटे का आरक्षण समाप्त कर दिया. जिनमें कई जाति के लोगों का नाम बारी बारी से मंच से लेकर बताया कि यो लोग शामिल है, जिनका आरक्षण समाप्त हो जायेगा.
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से पलटू चाचा का संज्ञा देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को सृजन घोटाला और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का डर सता रहा था और उन्हें कुर्सी की लालच थी इसलिए वो पलटी मार गए. आरा की सभा को महागठबंधन के कई नेताओं ने भी संबोधित किया.
यहां उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप यादव अपनी पार्टी व परिवार से नाराज चल रहे हैं. महागठबंधन में सीट शेयरिंग के दौरान उन्होंने राजद में शिवहर व जहानाबाद से अपनी पसंद के प्रत्याशी मांगे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इसके बाद उन्होंने 'लालू-राबड़ी मोर्चा' बनाकर वहां से अपने प्रत्याशी उतार दिए.
इनमें शिवहर के प्रत्याशी का नामांकन तो रद्द हो गया, लेकिन जहानाबाद में तेज प्रताप के प्रत्याशी राजद के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं और तेज प्रताप उनके पक्ष में वोट मांग रहे हैं.
तेज प्रताप पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ बयान देते रहे हैं. लेकिन दोनो भाइयों को साथ देख लग रहा है कि नाराजगी कुछ कम हुई है.
तेजप्रताप यादव का पार्टी में विरोध
वैसे, पार्टी में भी तेज प्रताप के खिलाफ नाराजगी है. भाई वीरेंद्र सहित कुछ पार्टी नेता तेज प्रताप के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. पाटलिपुत्र से राजद प्रत्याशी मीसा भारती के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान राबड़ी देवी के सामने तेजप्रताप के लिए मुर्दाबाद के नारे भी लग चुके हैं.
वहीं, दोनों भाइयों के एक साथ चुनाव प्रचार की बाबत जब मीडिया ने तेजस्वी से पूछा तो उन्होंने शक का इलाज कराने की नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों को कोई शक है तो उसका इलाज कराए. इसके लिए वे डॉक्टर का नंबर दे देंगे. इस बाबत तेजप्रताप ने कहा कि दोनों भाई एक साथ हैं.
ऐसे में नाराजगी के माहौल में तेजप्रताप व तेजस्वी काएक साथ चुनाव प्रचार में निकलने के निहितार्थ टटोले जा रहे हैं. बिहार में अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है. अंतिम चरण के मतदान के पहले दोनों भाईयों का एक साथ चुनाव प्रचार डैमेज कंट्रोल की कोशिश माना जा रहा है.