साल 2024 में पाकिस्तान सीमा के पास तैनात हो जाएगा तेजस मार्क 1 ए, पुराने विमानों को गुजरात में शिफ्ट करने की योजना
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 15, 2023 12:05 IST2023-12-15T12:03:39+5:302023-12-15T12:05:34+5:30
भारतीय वायु सेना रणनीतिक रूप से अहम पाकिस्तान सीमा के पास स्थित राजस्थान के बीकानेर में नाल एयर बेस पर स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू जेट के अपने पहले स्क्वाड्रन को तैनात करने की तैयारी कर रही है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना देश की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने और सीमा पार से होने वाली किसी भी हिमाकत का जवाब चंद मिनटों में देने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। भारतीय वायु सेना रणनीतिक रूप से अहम पाकिस्तान सीमा के पास स्थित राजस्थान के बीकानेर में नाल एयर बेस पर स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू जेट के अपने पहले स्क्वाड्रन को तैनात करने की तैयारी कर रही है। तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू विमानों की पाक सीमा के पास तैनाती अगले साल अप्रैल-मई तक हो जाएगी।
इतना ही नहीं पश्चिमी क्षेत्र में रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए पुराने तेजस एमके1 लड़ाकू विमानों को संभवतः गुजरात में आगे के एयरबेस पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है। फिलहाल भारतीय वायुसेना तेजस Mk1 जेट के दो स्क्वाड्रन संचालित कर रही है। इन्हें भी अपग्रेड करके भारत में निर्मित रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्रणाली से लैस करने की योजना है। साल 2026 तक एक व्यापक उन्नयन कार्यक्रम की योजना बनाई गई है जिसमें शुरुआती तेजस Mk-1के एवियोनिक्स सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया जाएगा।
आने वाले समय में भारतीय वायुसेना में लगभग 300 तेजस लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। इसमें तेजस मार्क 1 ए के अलावा उन्नत तेजस मार्क- 2 भी शामिल होंगे। भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) लड़ाकू विमानों का उत्पादन बढ़ाने जा रहा है। साल 2027 से लड़ाकू विमानों की उत्पादन क्षमता में तीनगुना वृद्धि करते हुए एचएएल हर साल 24 तेजस लड़ाकू विमानों का निर्माण अपनी फैक्ट्रीयों में करेगा।
भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस मार्क 1-ए विमानों का ऑर्डर दिया है, जिनकी डिलीवरी अगले साल फरवरी में शुरू होने वाली है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के दो स्क्वाड्रन - 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन - तेजस जेट के साथ पूरी तरह से परिचालन में हैं। हाल ही में 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी भी मिली है।
हाल के दिनों में भारतीय वायुसेना ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसी क्रम में देश की अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई को भी अपग्रेड किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपने सुखोई विमानों के बेडे़ को स्वदेशी हथियार प्रणालियों और विरुपाक्ष नामक रडार से लैस करने जा रही है। भारत के पास फिलहाल 250 से ज्यादा सुखोई विमान हैं। विरुपाक्ष रडार को विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है और यह दुनिया भर में उड़ाए जा रहे सभी सुखोई-30 वेरिएंट में से सबसे उन्नत होगा।