Teachers' Day: भगवान कृष्ण ने कैसे दी थी महर्षि सांदीपनि को गुरु दक्षिणा? यमलोक से ले आए थे मृत पुत्र, जानें पूरी कहानी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 4, 2024 04:34 PM2024-09-04T16:34:49+5:302024-09-04T16:36:32+5:30

गुरू सांदीपनि की पत्नी को पता था कि कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि साक्षात विष्णु के अवतार हैं। ऐसे में गुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी। गुरु माता ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है। उसे ले लाओ।

Teachers' Day How did Lord Krishna give Guru Dakshina to Maharishi Sandipani know the whole story | Teachers' Day: भगवान कृष्ण ने कैसे दी थी महर्षि सांदीपनि को गुरु दक्षिणा? यमलोक से ले आए थे मृत पुत्र, जानें पूरी कहानी

शंखासुर नाम के दैत्य को मारकर पुत्र वापस लाए थे श्रीकृष्ण

Highlights हमारे देश की महान परंपरा में गुरुओं का काफी ज्यादा महत्व हैगुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी थीशंखासुर नाम के दैत्य को मारकर पुत्र वापस लाए थे श्रीकृष्ण

Teachers' Day 2024 : 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हमारे देश की महान परंपरा में गुरुओं का काफी ज्यादा महत्व है। सनातन धर्म में गुरू का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। प्राचीन काल में जब बच्चे गुरुकुल जाते थे तो पूरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही वापस घर लौटते थे। शिक्षा पूरी होने के बाद गुरू को दक्षिणा देने की परंपरा भी थी। भारत देश की महान धरती पर तो भगवान ने भी कई अवतार लिए। मानव रूप में अवतार लेने वाले भगवान कृष्ण और भगवान राम भी शिक्षा लेने के लिए गुरू की शरण में पहुंचे थे। गुरू-शिष्य संबंध की एक कहानी काफी प्रचलित है तो भगवान कृष्ण और उनके गुरू सांदीपनि ऋषि से संबंधित है। 

भगवान श्रीकृष्ण ने कैसे दी थी गुरू सांदीपनि को गुरु दक्षिणा

जब भगवान कृष्ण की शिक्षा समाप्त हो गई तो बारी आई गुरु दक्षिणा देने की। जब भगवान कृष्ण ने गुरू सांदीपनि से दक्षिणा के बारे में पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। लेकिन गुरू सांदीपनि की पत्नी को पता था कि कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि साक्षात विष्णु के अवतार हैं। ऐसे में गुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी। गुरु माता ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है। उसे ले लाओ। 

गुरु माता की आज्ञा मिलने के बाद भगवान कृष्ण उनके पुत्र की खोज में निकल गए। उन्हें पता चला कि शंखासुर समुद्र में रहता है। समुद्र के देवता ने भगवान कृष्ण को बताया कि दैत्य शंख के रूप में रहता है।  भगवान श्रीकृष्ण शंखासुर को मार दिया लेकिन गुरू सांदीपनि का पुत्र नहीं मिला। इसके बाद श्रीकृष्ण शंखासुर के शरीर का शंख लेकर यमलोक पहुंच गए। यमलोक में भगवान कृष्ण ने यमराज को पूरी बात बताई। इसके बाद यमराज ने भगवान कृष्ण को  गुरू सांदीपनि का मृत पुत्र लौटा दिया। भगवान कृष्ण उसे जीवित रूप में लेकर गुरुकुल पहुंचे और गुरू माता को सौंप दिया।

पाञ्चजन्य शंख समुद्र में ही मिला था

भगवान कृष्ण ने जिस दैत्य शंखासुर को मारकर अपने गुरु के पुत्र पुनरदत्त को वापस लाया था वह दैत्य पाञ्चजन्य शंख में रहता था। दैत्य को मारने के बाद शंख श्रीकृष्ण के पास आ गया। पाञ्चजन्य शंख था जिसकी ध्वनि कई मील तक सुनाई देती थी। किसी युद्ध से पहले जब भगवान कृष्ण पान्चजन्य शंख फूंकते थे तो शत्रु सेना ध्वनि सुनकर ही डर जाती थी।

Web Title: Teachers' Day How did Lord Krishna give Guru Dakshina to Maharishi Sandipani know the whole story

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