JK: कश्मीरी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना जिहाद नहीं है, बोले Kasmiri मौलाना, कहा हमारी जमीन ले लो लेकिन Minorities को दो सुरक्षा
By आजाद खान | Published: June 4, 2022 03:47 PM2022-06-04T15:47:33+5:302022-06-04T15:50:21+5:30
मामले में बोलते हुए मौलाना फयाज ने कहा है, 'इस्लाम ने जिहाद को अल्पसंख्यक या किसी अन्य व्यक्ति पर अत्याचार करने या व्यक्ति को मारने की अनुमति नहीं दी है।'
जम्मू: कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग के बीच अनंतनाग के एक मौलवी का बयान सामने आया है। शुक्रवार की नमाज के बाद मौलवी ने एक बयान दिया है जिसको लेकर उसकी खूब तारीफ हो रही है। दरअसल, मौलवी ने अपने बयान में कहा है कि इस्लाम अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार कर जिहाद की अनुमति नहीं देता है। वे अपने बयान के दौरान आतंकियों द्वारा की जाने वाले हिंसा की निंदा भी की और इसे गलत भी बताया है। यही नहीं मौलवी ने जुमा की नमाज के दौरान अपनी जमीन भी देने की बात कही है। बताया जा रहा है कि मौलवी के इस बयान के बाद जुमा की नमाज के लिए वहां मौजूद लोगों ने उनका खूब समर्थन भी किया है।
क्या कहा मौलवी ने
कश्मीर में इस मौलवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बोलते हुए नजर आए है। मामले में बोलते हुए अनंतनाग के जामिया मस्जिद के मौलाना फयाज अमजदी ने कश्मीर में माहौल खराब करने पर गंभीर चिंता जताई है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की वकालत भी की है। उन्होंने कहा है, 'अगर कोई मुसलमान यह सोचकर ऐसा कर रहा है तो यह जिहाद है, हम इस जिहाद की निंदा करते हैं। इस्लाम ने जिहाद को अल्पसंख्यक या किसी अन्य व्यक्ति पर अत्याचार करने या व्यक्ति को मारने की अनुमति नहीं दी है।'
अल्पसंख्यकों के लिए अपनी जमीन देने को है तैयार- मौलाना फयाज
इस पर बोलते हुए मौलाना फयाज ने आगे कहा, 'अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाना चाहिए। हम प्रशासन से आग्रह करते हैं, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हम लोग यहां अल्पसंख्यकों के साथ हैं। हम अल्पसंख्यकों पर हमला करने वालों की निंदा करते हैं। हम अनुरोध करते हैं कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाए। आपको हमारी जमीन की आवश्यकता है तो उसे ले लीजिए लेकिन अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दें। जैसे आप यहां अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, वैसे ही पूरे देश में हमारे साथ करें।'
आपको बता दें कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा टारगेट किलिंग के बीच सरकार ने श्रीनगर में तैनात 177 कश्मीरी पंडित शिक्षकों को घाटी से बाहर स्थानांतरित कर दिया है।