तारापुर विधानसभा सीटः 10 करोड़ रुपए के मालिक?, उम्र और शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवाद, जानिए हलफनामे में क्या-क्या

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 17, 2025 12:11 IST2025-10-17T12:07:22+5:302025-10-17T12:11:32+5:30

Tarapur Assembly seat: सम्राट चौधरी की जन्मतिथि और शैक्षणिक योग्यता जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के कारण हाल के दिनों में सुर्खियों में रही है।

Tarapur Assembly seat Owner Rs 10 crore Controversy over age and educational qualifications find out what's in the affidavit | तारापुर विधानसभा सीटः 10 करोड़ रुपए के मालिक?, उम्र और शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवाद, जानिए हलफनामे में क्या-क्या

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Highlightsएक दशक से अधिक समय बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।विधान परिषद में उनका लगातार दूसरा कार्यकाल है।राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने हलफनामे में 10 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति घोषित की है लेकिन उनकी उम्र और शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवाद की गुंजाइश बनी हुई है। वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी ने बृहस्पतिवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके हलफनामे के अनुसार, उन पर दो आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें से एक मामला पटना में दर्ज है जिसमें उन पर 2023 में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप है और दूसरा मामला उनके गृह जिले मुंगेर का है जिसमें उन पर पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था। चौधरी एक दशक से अधिक समय बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

यह राज्य विधान परिषद में उनका लगातार दूसरा कार्यकाल है। उनके पास स्वयं के नाम पर 99.32 लाख रुपए की चल संपत्ति और 8.28 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। भाजपा के वरिष्ठ नेता के 23 पृष्ठों के हलफनामे में उनकी आयु और शैक्षणिक योग्यता से जुड़े अस्पष्ट विवरणों ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

चौधरी की जन्मतिथि और शैक्षणिक योग्यता जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के कारण हाल के दिनों में सुर्खियों में रही है। किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने तारापुर में सात लोगों की हत्या से संबंधित 1995 के एक मामले में एक ‘‘फर्जी’’ प्रमाण पत्र जमा करके मुकदमे से बचने की कोशिश की थी जिसमें घटना के समय उन्हें नाबालिग दिखाया गया था।

किशोर के अनुसार, “यदि सम्राट चौधरी ने विधान परिषद के लिए दिए अपने 2020 के हलफनामे में अपनी उम्र 51 वर्ष बताई थी, तो 1995 में वह करीब 25-26 वर्ष के रहे होंगे। ऐसे में उन्हें 15 वर्ष का मानकर राहत कैसे दी गई?”

हलफनामे में चौधरी की उम्र ‘‘मतदाता सूची के अनुसार’’ 56 वर्ष बताई गई है, लेकिन नेता द्वारा कोई स्कूल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया गया है। उन्होंने मानद डी.लिट प्राप्त करने का उल्लेख है। किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों की लंबी फेहरिस्त में यह आरोप भी शामिल है कि चौधरी ने 10वीं तक पढ़ाई नहीं की है।

उप-मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने कामराज विश्वविद्यालय से ‘पीएफसी’ की पढ़ाई की है। हाल में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें किशोर के आरोपों के बाद चौधरी पत्रकारों को यह समझाने में जूझते हुए देखे जा सकते हैं कि ‘पीएफसी’ का क्या मतलब है।

Web Title: Tarapur Assembly seat Owner Rs 10 crore Controversy over age and educational qualifications find out what's in the affidavit

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