चेन्नई में कोरोना से हुई करीब 200 मौतें रिकॉर्ड में दर्ज नहीं! 'हेरफेर' का आरोप, तमिलनाडु सरकार ने शुरू की जांच

By विनीत कुमार | Published: June 11, 2020 08:04 AM2020-06-11T08:04:51+5:302020-06-11T08:06:40+5:30

तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों के गलत आंकड़ों को लेकर लग रहे आरोपों के बीच जांच शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए 9 सदस्यीय कमेटी बनाई है।

Tamilnadu arund 200 Chennai deaths missing from official state toll, govt starts probe | चेन्नई में कोरोना से हुई करीब 200 मौतें रिकॉर्ड में दर्ज नहीं! 'हेरफेर' का आरोप, तमिलनाडु सरकार ने शुरू की जांच

चेन्नई में कोरोना से हुए मौतों की संख्या छिपाई गई? (फाइल फोटो)

Highlightsतमिलनाडु सरकार ने कोरोना से हुए मौत के आंकड़ों को छुपाने को लेकर लग रहे आरोपों पर शुरू की जांचऐसे आरोप हैं चेन्नई में करीब 200 मौतों का आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में शामिल ही नहीं किया गया, 9 सदस्यों की कमेटी कर रही है जांच

तमिलनाडु सरकार ने कोरोना से चेन्नई में हुई मौतों की संख्या का एक बार फिर से आकलन का आदेश दिया है। दरअसल ऐसी आशंका है कि संक्रमण से हुई करीब 200 मौतों की गिनती आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल ही नहीं की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में कोरोना से बुधवार शाम तक 326 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 260 मौते केवल चेन्नई सिटी में हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य के एक सीनियर स्वास्थ्य अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि मौतों के आंकड़ों को एक बार फिर जांचा जा रहा है। अधिकारियों ने गिनती में हुई इस गलती को एक 'प्रक्रियागत चूक' और 'मिलान सही तरीके से नहीं किया जाना' माना है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि दैनिक आधार पर सरकार के पास चेन्नई निगम की रजिस्ट्री में दर्ज मौतों को दर्ज करने की व्यवस्था नहीं थी।
 
राज्य के स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने ऐसे आरोपों से इनकार किया है कि सरकार ने जानबूझकर  संख्याओं में हेरफेर की है ताकि उसे कम कर के दिखाया जा सके। बीला ने बताया कि 9 सदस्यों की एक कमेटी कोरोनो से हुई मौतों की संख्या और ऐसे मामलों को देखेगी। 

बीला ने कहा, 'हमें डाटा छिपाने की जरूरत नहीं है। हम ऐसा नहीं कर सकते हैं। हम कोविड-19 से हुई सभी मौतों की सही रिपोर्टिंग कर रहे थे। ये रिकॉर्ड सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से आए रिकॉर्ड के आधार पर है। हाल की रिपोर्ट्स को देखते हुए जिसमें कहा गया कि कई ऐसी मौतें हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है, हमने ये कमेटी बनाई है जो इन आरोपों को लेकर जांच करेगी।'

उन्होंने कहा कि कमेटी अभी भी डाटा जमा कर रही है इसलिए सरकार को अभी सुनिश्चित करना है कि कितनी मौत कोरोना से हुई है। राजेश के अनुसार, 'यहां तक ​​कि अगर हमारे पास कोविड -19 की मौत के बारे में मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों से डेटा एकत्र करने की एक कुशल प्रणाली भी है, तो भी कोविड के प्रकोप से पहले दैनिक आधार पर मौतों को रिपोर्ट करने का कोई अभ्यास जमीन पर नहीं था। हमें संदेह है कि ये कथित मौतें घर में हुई होंगी या फिर निजी क्लीनिकों में होने वाले मामलों आदि जैसे मामले होंगे।'

बता दें कि कोविड-19 से हुई मौत की गिनती की विश्वसनीयता पर कई आरोप लगते रहे हैं। चेन्नई स्थित भ्रष्टाचार-विरोधी उपक्रम, अर्पोर अय्यक्कम ने स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र में शिकायत की है कि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में कोविड से हुई तीन मौतों को राज्य के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया।

अय्यक्कम के अनुसार सरकारी मेडिकल कॉलेज सीधे स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करता है। अय्यक्कम ने कहा, '200 मौतों की गिनती में हुई गलती के लिए सिटी कॉर्पोरेशन को अगर विभाग दोषी ठहराता है तो वो बताए कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुए मौत की गिनती उससे कैसे छूट हुई।'

ऐसे ही आरोप ये भी है कि चेन्नई सिटी के पेरंबूर में साउदर्न रेलवे अस्पताल में भी 20 से ज्यादा मौत की गिनती आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं हुई। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कॉरपोरेशन को मौत के बारे में सूचना दी थी।

Web Title: Tamilnadu arund 200 Chennai deaths missing from official state toll, govt starts probe

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