दक्षिण भारत की इस यूनिवर्सिटी में बीटेक-एमटेक स्टूडेंट्स के लिए अब अनिवार्य होगा 'गीता' का अध्ययन
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 26, 2019 05:38 PM2019-09-26T17:38:22+5:302019-09-26T17:38:22+5:30
विश्वविद्यालय ने बीटेक-एमटेक विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके उद्देश्य में बताया गया है कि भारत और पाश्चात्य परंपराओं का तुलनात्मक दर्शन पढ़ाकर विद्यार्थियों के भीतर एक नई समझ पैदा की जाएगी।
तमिलनाडु की अन्ना यूनिवर्सिटी ने फैसला किया है कि बीटेक और एमटेक के विद्यार्थियों के लिए तीसरे सेमेस्टर में फिलॉसफी यानी दर्शनशास्त्र पढ़ना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति एमके सुरप्पा ने कहा, ''मैं सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अपने सहकर्मियों से कहूंगा कि वहां विकल्प जरूर होना चाहिए। हम जल्द ही इसमें संशोधन करेंगे।''
विश्वविद्यालय ने बीटेक-एमटेक विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके उद्देश्य में बताया गया है कि भारत और पाश्चात्य परंपराओं का तुलनात्मक दर्शन पढ़ाकर विद्यार्थियों के भीतर एक नई समझ पैदा की जाएगी।
सिलेबस को पांच यूनिट में बांटा गया है। चौथी यूनिट में श्रीमद् भागवत गीता का जिक्र किया गया है। शीर्षक है- नॉलेज एज पावर/ओपरेशन यानी शक्ति और उत्पीड़न का ज्ञान। इसके संक्षेप में लिखा गया है, ''शक्ति: गीता में आत्म बोध के रूप में। कृष्ण की अर्जुन को सलाह कि कैसे मन को जीतें।''
Chennai:Anna University has decided to teach 'Philosophy' as a compulsory course to its 3rd Semester BTech&MTech students. MK Surappa,Vice Chancellor says,"I'll speak to my colleague in IST (Information Science&Technology) dept that there must be a choice. We will amend it soon." pic.twitter.com/drziaFy39Y
— ANI (@ANI) September 26, 2019
इसके अलावा भी कई दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए देश और दुनिया के कई महान दर्शनशास्त्रियों की सामग्री शामिल की गई है।