"शावरमा वेस्टर्न फूड है, इसे खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारिक हो सकता है", तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 9, 2022 09:24 PM2022-05-09T21:24:52+5:302022-05-09T21:36:58+5:30
शावरमा को वेस्टर्न फूड बताते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने लोगों से अपील कि कि वो शवारमा जैसे वेस्टर्न फूड की आदत से बचें क्योंकि हमारे पास खाने के लिए अपनी बहुत सी भोज्य सामग्रियां पहले से मौजूद हैं। तमिलनाडु सरकार शावरमा से होने वाली फूड प्वाइजनिंग की होने वाली घटनाओं का कड़ाई से संज्ञान ले रही है।
चेन्नई: शावरमा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारिक हो सकता है। यह बात तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने सोमवार को कही। इसके साथ ही मंत्री ने लोगों से अपील की कि वो शवारमा खाने से बचें।
शावरमा को वेस्टर्न फूड बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने कहा, "लोगों से अपील है कि वो शवारमा जैसे वेस्टर्न फूड की आदत से बचें क्योंकि हमारे पास खाने के लिए अपनी बहुत सी भोज्य सामग्रियां पहले से मौजूद हैं।"
शवरमा मूलतः अरबी डिश है, जिसमें मांस के बारिक कटे हुए लच्छों को मसालों में मैरीनेट करके धीमी आंच पर पकाया जाता है और उसके बाद उसे रोली में लपेटकर खाया जाता है।
समाचार बेवसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक शावरमा के संबंध में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान उस घटना के बाद आया है, जिसमें तंजावुर के ओरथनाडु में वेटनरी कॉलेज के तीन छात्र शावरमा खाने के बाद फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गये और उन्हें इलाज के लिए तंजावुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा था।
पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने कहा, "शावरमा वेस्टर्न फूड है। जिन देशों में इसे काने का चलन है, वहां पर तापमान शून्य के आसपास रहता है। लेकिन अन्य जगहों पर बिना उचित फ्रीजिंगके यह खराब हो सकता है और अगर वो खराब हो तो उसे खाने से स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “शावरमा हमारे यहां युवाओं के बीच में खासा लोकप्रिय है और यही कारण है कि वो शावरमा को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना रहे हैं लेकिन हमारे वातावरण के लिए शावरमा सही नहीं हैं क्योंकि हमारे यहां न उस तरह की ठंड पड़ती है और न ही हमारे पास उसके लिए भंडारण की सुविधा है। लेकिन उसकी फिक्र किये बिना दुकानदार केवल बिजनेस के मुनाफे को देखते हुए शावरमा बेचने में लगे हुए हैं।”
मंत्री ने कहा कि शावरमा से होने वाली फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन काफी नाराज हैं। यही कारण है कि उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को आदेश दिया है कि वो राज्य भर की दुकानों का सख्ती से निरीक्षण करें और इस दिशा में उचित कार्रवाई करें।
वहीं सीएम स्टालिन के आदेश के बाद अलर्ट मोड आए राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में चेन्नई, कोयम्बटूर, मदुरै, तिरुचि, तिरुपुर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, कन्याकुमारी सहित अन्य जिलों में लगभग 1 हजार से अधिक रेस्टोरेंट्स पर छापे मारे, जहां शावरमा सहित नॉनवेज खाना परोसा जाता है।
मालूम हो कि तमिलनाडु के केरल के कासरगोड जिले में बीते 1 मई को शावरमा और अन्य नॉनवेज खाने से करीब 58 लोग बुरी तरह से बीमार हो गये थे, जिसमें एक 16 साल की लड़की की मौत भी हो गई थी। उसके बाद केरल ने भी अपने यहां खाद्य विभाग को आदेश दिया कि वो राज्य के सभी रेस्टोरेंट्स पर कड़ाई से नजर रखे और जरूरत पड़े तो छापेमारी की कार्रवाई भी करें।