सरकार-किसान संगठनों की वार्ता तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार को होगी : तोमर

By भाषा | Published: January 14, 2021 06:38 PM2021-01-14T18:38:07+5:302021-01-14T18:38:07+5:30

Talks of government-farmer organizations to be held on Friday as per schedule: Tomar | सरकार-किसान संगठनों की वार्ता तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार को होगी : तोमर

सरकार-किसान संगठनों की वार्ता तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार को होगी : तोमर

नयी दिल्ली, 14 जनवरी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता तय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को होगी और केंद्र को उम्मीद है कि चर्चा सकारात्मक होगी।

तोमर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार है।’’

उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी नियुक्त किए जाने और फिर एक सदस्य के इससे अलग हो जाने के कारण नौवें दौर की वार्ता को लेकर भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच 15 जनवरी को दिन में 12 बजे से बैठक होगी।

किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार हैं। लेकिन, वे उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं। किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं।

इससे पहले दिन में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने कहा कि वह कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से अलग हो गए हैं।

मान ने कहा कि समिति में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो।’’

मान ने कहा, ‘‘मैं समिति से अलग हो रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।’’

पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए पिछले कई सप्ताह से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान संगठन, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार, कानून, 2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून को निरस्त किए जाने की मांग कर रहे हैं।

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Web Title: Talks of government-farmer organizations to be held on Friday as per schedule: Tomar

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