पाकिस्तान को भारतीय राजदूत अकबरुद्दीन का करारा जवाब, यूएनजीए में कश्मीर मुद्दा उठाकर पाक जितना नीचे गिरेगा, हम उतना ऊपर उठेंगे
By पल्लवी कुमारी | Published: September 20, 2019 06:05 PM2019-09-20T18:05:16+5:302019-09-20T18:05:16+5:30
भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद पाकिस्तान ने इस कदम पर आक्रोश जाहिर किया था और वह इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय राय बनाने की असफल कोशिश करता रहा है।
पाकिस्तान की जम्मू- कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के नाम पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में प्रस्ताव लाने की कोशिश नाकाम हो गई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने का 19 सितंबर आखिरी दिन था, लेकिन पाकिस्तान आवश्यक समर्थन हासिल करने में असफल रहा। इस मसले पर भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से जितना नीचे गिरेगा, भारत उतना ही ऊपर उठेगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यदि पाकिस्तान अगले सप्ताह यहां होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में कश्मीर मामला उठाकर अपना स्तर ‘‘नीचे गिराता’’ है तो भारत का स्तर और ऊंचा उठेगा। उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान नफरत फैलाने वाले भाषण को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर सकता है जो अतीत में भी आतंकवाद को सामान्य बताने की कोशिश करता रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएनजीए के सत्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन देने का कार्यक्रम भी उसी दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आपको बताया कि इस मामले को लेकर हमारा दृष्टिकोण क्या है, हमारी तैयारी क्या है और कैसे हम अपने पिछले अनुभवों से बहुत अलग तरीके से काम कर रहे हैं। लेकिन कोई ऐसा हो सकता है जो ऐसे मुद्दे को उठाना चाहता है जो वह पहले भी उठा चुका है।’’
Syed Akbaruddin: There may be some who stoop low.Our response to them is we soar high.They may stoop low, we soar high. What they want to do is their call. We’ve seen them mainstream terrorism in the past. And what you’re now telling me is they may want to mainstream hate speech. https://t.co/md4XACVznb
— ANI (@ANI) September 19, 2019
अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘अब आपका सवाल है कि यदि वे और अधिक तीखा हमला करें, और अधिक तीक्ष्ण तरीके से मामले को उठाए तो क्या?’’ उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान कश्मीर मुद्दा उठने की उम्मीद है, और यदि ऐसा है, तो भारत इससे कैसे निपटेगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? यह हर देश पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक मंच पर किस रूप में पहुंचना चाहता है। कुछ ऐसे होंगे जो अपना स्तर गिराएंगे। उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया होगी कि हम और ऊंचे उठेंगे। वह नीचे गिरेंगे लेकिन हमारा स्तर तो ऊपर उठेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप जो मुझसे कह रहे हैं, वह इससे कहीं अधिक होगा, खासकर एक देश की तरफ से तो बहुत अधिक होगा। यदि ऐसा है तो हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? तो मैं आपको बता दूं कि यह हर देश पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक मंच पर किस रूप में पहुंचना चाहता है। कुछ ऐसे होंगे जो अपना स्तर गिराएंगे। उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया होगी कि हम और ऊंचे उठेंगे। वे नीचे गिरेंगे लेकिन हमारा स्तर तो ऊपर उठेगा।’’
जिनेवा में चल रहे 42वें मानवाधिमकार सेशन में पाकिस्तान को प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या में अन्य देशों का समर्थन नहीं मिला है। नियम कहते हैं, किसी देश के प्रस्ताव के पास कार्रवाई करने से पहले 15 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। भारत का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत है। पाकिस्तान को इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) का भी समर्थन नहीं मिला है।यूएनएचआरसी में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय दल भी मजबूती से अपना पक्ष रखा है। ज्यादातर सदस्यों ने कश्मीर पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया।