स्विस बैंकों ने दी बंद हो चुके खातों की जानकारी, कार्रवाई के डर से बंद हुए थे ये खाते
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 9, 2019 05:51 AM2019-09-09T05:51:45+5:302019-09-09T05:51:45+5:30
स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं, जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.
स्विस बैंकों में भारतीयों के खाताधारकों के बारे में स्वचालित व्यवस्था के तहत मिली पहले दौर की सूचनाएं मुख्यत: बंद हो चुके खातों की है, जिनसे पैसे निकाल लिए गए हैं. इन सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है. इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है.
स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं. बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत: उन खातों से जुड़ी हैं, जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है.
यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है. इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गयी है.
एक दिन भी सक्रिय रहे खातों का विवरण बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा किया और भारत को सौंपा. इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों.
अमेरिका, ब्रिटेन में रह रहे अनिवासी भारतीयों के अकाउंट कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं.
ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल इस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं. 100 पुराने खाते जिन्हें 2018 से पहले बंद किया भारतीय लोगों के कम से कम 100 ऐसे पुराने खाते भी हैं, जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया. स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारी भी जल्द देगा. राजनीतिक से संपर्क रखने वाले लोगों के खातों पर सरकार की खास नजर है.