नई दिल्ली: भारतीय पहलवानों का कुश्ती महासंघ के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन जारी है। महिला पहलवानों के कुश्ती संघ में उत्पीड़न का आरोप लगाने के दिल्ली महिला आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन करते हुए सोमवार को डब्ल्यूएफआई से तीखे सवाल किए हैं। स्वाति मालीवाल ने अपने एक ट्वीट के जरिए कुश्ती महासंघ से पूछा कि आखिर पहलवानों का अपमान क्यों किया जा रहा है।
दरअसल, पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, जिसे लेकर महिला पहलवान समेत अन्य पहलवान जंतर-मंतर पर रविवार से धरने पर बैठे हुए हैं।
इस दौरान पहलवानों ने सड़क किनारे फुटपाथ पर रात गुजारी। इस दौरान पहलवान विनेश फोगाट ने एक तस्वीर साझा कि जिसमें उन्होंने रात के समय फुटपाथ पर सोने की पहलवानों की तस्वीर साझा की। इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा कि पोडियम से लेकर खुटपाथ तक, आधी रात खुले आसमान के नीचे न्याय की आस में।
विनेश फोगाट के इसी ट्वीट पर स्वाति मालीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख ने कहा, "जिन्होंने विदेशी सरजमी पर बढ़ाई तिरंगे की शान, आज क्यों हो रहा है उनका ऐसा अपमान?"
महिला आयोग की प्रमुख ने डब्ल्यूएफआई ने सवाल करते हुए मामले नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि इससे पहले मामले का संज्ञान लेते हुए स्वाति मालीवाल ने मामले में दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है।
महिला आयोग ने मामले में पुलिस से एफआईआर दर्ज न करने को लेकर पुलिस ने जवाब मांगा है। दिल्ली महिला आयोग ने मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसे 25 अप्रैत तक पुलिस को उन्हें सौंपना होगा।
महिला आयोग की ओर से कहा गया कि उन्हें जानकारी मिली है पहलवानों के यौन शोषण के आरोप लगाने पर पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।
शिकायतकर्ता के द्वारा महिला आयोग को बताया गया कि यौन उत्पीड़न के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में प्रथामिकी दर्ज कराई गई थी लेकिन उसमें कोई एक्शन नहीं हुआ। इसी मामलो को लेकर महिला सुरक्षा के मुद्दे आयोग प्रमुख मालीवाल ने पुलिस ने मामले में 25 अप्रैल को रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि भारतीय पहलवान एक बार फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं। इससे पहले भी बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और अन्य पहलवान विरोध स्थल बैठे हुए थे।
साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित पहलवानों ने जनवरी में इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मैराथन वार्ता के बाद उनका तीन दिवसीय धरना समाप्त कर दिया।
हालांकि, एक बार फिर ये पहलवान धरना स्थल पर लौट आए और मांग की कि सरकार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाले निरीक्षण पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक करें।