Swar Assembly Seat: स्वार विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबला, सपा सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला के सामने हैदर अली, जानें क्या है गणित
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 25, 2022 02:33 PM2022-01-25T14:33:18+5:302022-01-25T14:34:31+5:30
Swar Assembly Seat: रामपुर जिले के स्वार टांडा विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान के सामने नवाब परिवार से संबंध रखने वाले हैदर अली हैं।

वोटों की गिनती और नतीजों की घोषणा 10 मार्च को होनी है। (file photo)
Swar Assembly Seat: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने रामपुर जिले की स्वार टांडा विधानसभा सीट से हैदर अली खान को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। नवाब परिवार से संबंध रखने वाली रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के पौत्र हैदर अली हैं।
समाजवादी पार्टी ने रामपुर के सपा सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान को फिर से टिकट दिया है। 2017 में स्वार टांडा विधानसभा क्षेत्र से अब्दुल्ला आजम खान सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। रामपुर जिले में नवाब परिवार और आजम खान के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है।
उल्लेखनीय है कि रामपुर के सपा सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान की पिछले दिनों करीब दो वर्ष बाद सीतापुर जेल से रिहाई हुई और वह फिर से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम खान को चुनावी हलफनामे में विसंगति के कारण दिसंबर 2019 में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था।
रामपुर शहर पर समाजवार्दी पार्टी का वर्चस्व
एक तरह से देखा जाए तो रामपुर शहर पर समाजवार्दी पार्टी का वर्चस्व रहा है। सपा सांसद आजम खान रामपुर शहर से 9 बार विधायक रह चुके हैं। 2019 में सांसद चुने गए। आजम खान की पत्नी यहां से अभी विधायक हैं। 2017 में स्वार से आजम खान के बेटे ने चुनाव जीता।
रामपुर में 5 विधानसभा सीट हैं, जिसमें से 3 पर सपा का कब्जा है। इस बार स्वार विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर है। नवाब परिवार से संबंध रखने वाले हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां 4 साल से क्षेत्र में घूम रहे हैं। हैदर अली खान को कांग्रेस ने 13 जनवरी को अपनी पहली सूची में स्वार से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन अपना दल (सोनेलाल) में शामिल हो गए।
रामपुर में मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच
रामपुर में मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच ही है। यहां पर 60 फीसदी आबादी मुस्लिम मतदाताओं की है। हिंदू मतदाता 40 प्रतिशत है। दलित, वैश्य, कायस्थ और ब्राह्मण वोटर भी हैं। बीते 40 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि 1996 में कांग्रेस प्रत्याशी अफरोज अली खान ने आजम खान को हराया था।
हैदर अली खान के पिता नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां कांग्रेस के बड़े नेता रह चुके हैं। 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। 65000 वोट से हार गए थे। काजिम लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से पढ़ने के बार हैदर ने विदेश से शिक्षा ग्रहण की है।
नवेद मियां की मां बेगम नूर बानो कांग्रेस से 2 बार सांसद रह चुकी हैं। सभी की नजरें रामपुर जिले की विधानसभा पर हैं। यहां पर 14 फरवरी को मतदान है। 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी। स्वार विधानसभा सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर अहम है।