गंगापुत्र स्वामी सानंद के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख; उमा बोली- मुझे डर था कि ऐसा होगा
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 12, 2018 08:21 AM2018-10-12T08:21:14+5:302018-10-12T08:29:21+5:30
Ganga Activist Swami Sanand death: हरिद्वार स्थित मातृ सदन के संत ज्ञानांन्द से दीक्षा लेने वाले स्वामी सानंद को गत नौ अक्टूबर को उनके अनशन स्थल हरिद्वार से उठा कर प्रशासन ने एम्स, ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। वह 87 साल के थे। सानंद गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर प्रयासरत थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख चुके थे।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबरः केंद्रीय मंत्री उमा भारती को गंगापुत्र स्वामी सानंद की मौत का डर पहले से था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गंगा सफाई के लिए उनके प्रयासों को याद करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी स्वामी सानंद की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि स्वामी जी सरकार की दिखावटी नीति की भेंट चढ़ गए। बता दें कि पर्यावरणविद और गंगा सफाई के लिए समर्पित स्वामी सानंद (जीडी अग्रवाल) 111 दिनों से भूख-हड़ताल पर थे। उन्होंने गुरुवार को ऋषिकेश में अंतिम सांस ली।
स्वामी सानंद की मौत के बाद उमा भारती ने कहा, 'स्वामी सानंद की मौत पर मैं स्तब्ध हूं। मुझे डर था कि ऐसा होगा। मैंने उनके निधन की जानकारी नितिन गडकरी जी को दे दी है।'
I am shocked by his demise. I had feared that this would happen. I have informed Nitin Gadkari and others about his demise: Union Minister Uma Bharti on the death of GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga pic.twitter.com/JBYSqPFBtU
— ANI (@ANI) October 11, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'श्री जीडी अगरवाल जी के निधन से दुखी हूं। लर्निंग, एजुकेशन, पर्यावरण को बचाने और विशेष रूप से गंगा सफाई के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।'
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्विटर के जरिए शोक प्रकट करते हुए कहा, 'स्वच्छ-गंगा और गंगा-खनन के विषय पर महीनों से आमरण अनशन पर बैठे पर्यावरणविद प्रफेसर जी. डी. अग्रवाल का निधन सरकार की अनदेखी और उपेक्षा का दुखद परिणाम है। सरकार की गंगा के प्रति जो दिखावटी नीति है, वह उसकी भेंट चढ़ गए। हार्दिक नमन!'
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी जी ने कहा था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है। लेकिन अब गंगा नदी 2014 की अपेक्षा और भी प्रदूषित हो गई है। क्या नमामि गंगे केवल एक जुमला ही है। मैं कामना करता हूं कि स्वामी सानंद जी का बलिदान इस सरकार को कुछ विजन आए।'
हरिद्वार स्थित मातृ सदन के संत ज्ञानांन्द से दीक्षा लेने वाले स्वामी सानंद को गत नौ अक्टूबर को उनके अनशन स्थल हरिद्वार से उठा कर प्रशासन ने एम्स, ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। वह 87 साल के थे। सानंद गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर प्रयासरत थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख चुके थे।
स्वामी सानंद पिछले 22 जून से अनशन पर थे, उन्होंने 9 अक्टूबर को जल भी त्याग दिया था। 2011 में स्वामी निगमानंद की हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट में मौत के बाद गुरुवार की दोपहर गंगा के एक और लाल ने प्राण त्याग दिए। स्वामी सानंद के ऋषिकेश एम्स में निधन की खबर मिलते ही गंगाप्रेमियों में शोक की लहर फैल गई।