सुषमा स्वराज कैसे जुड़ीं जयप्रकाश नारायण से और फिर कैसे हुई राजनीति में उनकी एंट्री, जानिए सफरनामा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2019 12:06 PM2019-08-07T12:06:35+5:302019-08-07T12:06:35+5:30

सुषमा स्वराज सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फर्नांडिस की लीगल डिफेंस टीम का हिस्सा बन गईं। स्वराज कौशल भी इस टीम में शामिल थे। उन्होंने और स्वराज कौशल ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

Sushma Swaraj biography and her role in jayaprakash narayan movement during Emergency | सुषमा स्वराज कैसे जुड़ीं जयप्रकाश नारायण से और फिर कैसे हुई राजनीति में उनकी एंट्री, जानिए सफरनामा

जय प्रकाश नारायण के साथ सुषमा स्वराज (फोटो- ट्विटर)

Highlightsसुषमा स्वराज 1975 में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़ींआपातकाल के दौरान आंदोलन में सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज कौशल ने बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया

सुषमा स्वराज के केवल 67 साल की उम्र में निधन की खबर ने सत्तारूढ़ बीजेपी और एनडीए की दूसरी पार्टियों सहित विपक्ष को भी सकते में डाल दिया है। सुषमा स्वराज का निधन मंगलवार रात दिल्ली के AIIMS में हुआ। एक साधारण परिवार से आने वाली सुषमा स्वराज वकालत से कैसे सक्रिय राजनीति की ओर चली गईं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है। देश में जब 1975 में आपातकाल लगा तो राजनीति और आंदोलनों से बहुत करीब से उनका वास्ता पड़ा और फिर वे इसमें ऐसे रम गईं कि उन्हें ऊंचाइयां नसीब होती चली गई।

आपातकाल के दौरान राजनीति में एंट्री

सुषमा स्वराज वकालत की पढ़ाई की करने के बाद तब दिल्ली आई थीं। देश में राजनीति नई करवट ले रहा था और उसी दौरान सुषमा अपनी भावी जीवन को लेकर उधेरबुन में थीं। कॉलेज के दिनों के दोस्त स्वराज कौशल से उनकी शादी को लेकर परिवार तैयार नहीं हो रहा था। वैसे, धीर-धीरे सब ठीक होता चला गया और उनके पिता इस शादी के लिए तैयार हो गये। सुषमा की शादी स्वराज कौशल से 13 जुलाई, 1975 को हुई। उस समय देश देश में आपातकाल लग चुका था। 

इसी बीच सुषमा स्वराज सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फर्नांडिस की लीगल डिफेंस टीम का हिस्सा बन गईं। स्वराज कौशल भी इस टीम में शामिल थे। उन्होंने और स्वराज कौशल ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुषमा ने पिछले ही साल एक तस्वीर ट्वीट की थी जिसमें वे, उनके पति और जय प्रकार नारायण नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर जेपी के पटना में निवास स्थान की है।

आपातकाल खत्म होने के बाद सुषमा स्वराज सक्रिय रूप से राजनीति में उतर गईं और आगे चलकर बीजेपी की राष्ट्रीय नेता के तौर पर उभरीं।

घर से हुआ RSS से जुड़ाव

सुषमा स्वराज के माता-पिता का संबंध पाकिस्तान से था जो बाद में अंबाला आकर बस गये। सुषमा के पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य थे। इसलिए संघ की पाठशाला से उनका भी जुड़ाव बचपन से रहा। सुषमा ने संस्कृत और राजनीति विज्ञान में अंबाला कैंट के सनातन धर्म कॉलेज से स्नातक किया और फिर चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ किया। चंडीगढ़ में ही सुषमा की पहली मुलाकात स्वराज कौशल से हुई जिसके बाद दोनों आगे चलकर शादी के बंधन में बंध गये।

सुषमा इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं। स्वराज को हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री होने का श्रेय भी मिला था। इसके साथ ही दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता होने का श्रेय भी सुषमा स्वराज को जाता है।

Web Title: Sushma Swaraj biography and her role in jayaprakash narayan movement during Emergency

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