लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने लखीमपुर घटना को सपा और कांग्रेस की साझी साजिश बताते हुए कहा है कि चुनाव नजदीक देख दोनों विपक्षी दलों ने प्रदेश में दंगा भड़काने की योजना बनाई थी। राणा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता गुरूमनीत सिंह और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खास तेजिंदर सिंह विर्क के भड़काऊ बयानों के वीडियो सपा-कांग्रेस की साजिश के प्रमाण हैं। जल्द ही, न्यायिक जांच में विपक्ष की नीयत का पर्दाफाश हो जाएगा।
लखीमपुर-खीरी में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए गन्ना विकास मंत्री राणा ने कहा कि सपा और कांग्रेस की सरकारों का इतिहास रक्तरंजित रहा है। सिख समाज 1984 को अब तक भूला नहीं है, तो मुजफ्फरनगर दंगों के समय सैफई के जश्न से उपजे घाव अभी ताजे हैं। सुरेश राणा ने कहा कि लखीमपुर खीरी में घटना को मुख्यमंत्री योगी ने नेतृत्व क्षमता का शानदार परिचय दिया। न केवल अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिए बल्कि रात भर जागते हुए एक-एक घटनाक्रम पर सीधे नजर रखी।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का फैसला किया जिसमें किसानों के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचले जाने से चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगी। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दो वकीलों शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने सीजेआई को पत्र लिखकर घटना की अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी।