महाराष्ट्र में एनसीपी पार्टी टूट गई है। इसकी पुष्टि खुद शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने की है। सुले ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा है कि अजीत पवार गद्दार हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बनने वाले अजीत पवार से शरद पवार का कोई संबंध नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सुले ने अपना व्हाट्सअप स्टेटस लगाया, परिवार और पार्टी बिखर गया।
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फड़नवीस के मुख्यमंत्री और अजीत पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह अजीत पवार का निजी फैसला है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का। शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजीत पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’
बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस की वापसी के साथ ही महीने भर से चल रहे राजनीतिक गतिरोध का नाटकीय रूप से अंत हो गया। शरद पवार के भतीजे नेता अजित पवार ने राज भवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां सुबह करीब साढ़े सात बजे एक समारोह में दोनों को शपथ दिलायी।
महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की-फड़नवीस
शिवसेना पर पिछले महीने विधानसभा चुनाव में लोगों के जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए फड़नवीस ने कहा, ‘‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, ‘‘मुझे एक बार फिर लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और जे पी नड्डा का आभार जताता हूं।’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार ने भगवा पार्टी को समर्थन दिया और निर्दलीय विधायकों तथा छोटी पार्टियों के समर्थन के साथ भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया।
उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ‘‘24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।’’
उल्लेखनीय है कि राकांपा के शरद पवार ने बृहस्पतिवार रात को कहा था कि राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना में इस बात को लेकर सहमति बन गयी है कि उद्धव ठाकरे नयी सरकार का नेतृत्व करें। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या राकांपा दो फाड़ हो गयी है या सभी 54 विधायकों ने भाजपा का समर्थन किया है।