सबरीमला मंदिर विवादः ऐसे सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई करेगी 9 जजों की बेंच, दिया तीन हफ्ते का समय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 13, 2020 11:09 AM2020-01-13T11:09:49+5:302020-01-13T11:45:48+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सबरीमला मामले की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई नहीं कर रहे बल्कि पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पहले भेजे गए मुद्दों पर विचार कर रहे हैं।

Supreme Court's nine-judge bench hearing on Sabrimala Temple Issue: only hear the questions referred in the review order updates in Hindi | सबरीमला मंदिर विवादः ऐसे सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई करेगी 9 जजों की बेंच, दिया तीन हफ्ते का समय

सबरीमला मंदिर विवादः ऐसे सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई करेगी 9 जजों की बेंच, दिया तीन हफ्ते का समय

Highlightsपांच न्यायाधीशों की एक पीठ द्वारा इस विषय में 3:2 से बहुमत का फैसला सुनाया थाइसके बाद सुप्रीम कोर्ट में नौ सदस्यीय पीठ का गठन किया गया। 

सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों की पीठ केरल के सबरीमला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बैठी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सबरीमला मामले की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई नहीं कर रहे बल्कि पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पहले भेजे गए मुद्दों पर विचार कर रहे हैं।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस्‍लाम, पारसी, दाऊदी बोरा समुदाय से जुड़े ऐसे सभी मामलों को अगली तारीख पर एकसाथ सुना जाएगा। संविधान पीठ ने कहा कि सभी वकील तय कर लें कि कौन किस मुद्दे पर कितनी देर दलील पेश करेगा। सभी पक्षों को इस पर विचार करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ में शामिल अन्य न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर, न्यायमूर्ति एस ए नजीर, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं। तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की एक पीठ द्वारा इस विषय में 3:2 से बहुमत का फैसला सुनाए जाने के बाद नौ सदस्यीय पीठ का गठन किया गया। 

आपको बता दें कि 5 जजों की बेंच ने कहा था कि अलग-अलग धर्मों में धार्मिक रीति रिवाजों पर महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव के मामले में कोर्ट दखल दे सकता है या नहीं, इसपर विचार करने की जरूरत है।

दरअसल, 28 सितंबर 2018 के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर विचार करते हुए इस विषय को एक वृहद पीठ को फैसले के जरिए सौंपा गया था। उस ऐतिहासिक फैसले के जरिए सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी गई थी। 

इस मामले में आज से नौ न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है इसमें पूर्ववर्ती पीठ के कोई न्यायाधीश नहीं हैं। शीर्ष न्यायालय ने 2018 के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं के समूह को सूचीबद्ध करने के बारे में सूचना देते हुए छह जनवरी को एक नोटिस जारी किया था।

Web Title: Supreme Court's nine-judge bench hearing on Sabrimala Temple Issue: only hear the questions referred in the review order updates in Hindi

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