सुप्रीम कोर्ट अतीक-अशरफ हत्याकांड में दायर जनहित याचिका पर करेगा सुनवाई, योगी सरकार पेश करेगी अपना पक्ष
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 24, 2023 08:13 AM2023-04-24T08:13:45+5:302023-04-24T08:21:17+5:30
सुप्रीम कोर्ट अतीक-अशरफ हत्याकांड समेत यूपी में 2017 से हुए 183 पुलिस मुठभेड़ की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में स्वतंत्र कमेटी से कराये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर करेगा सुनवाई।
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज उस जनहित याचिका की सुनवाई होगी, जिसमें 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में मारे गये कुख्यात गैंगेस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक सजायाफ्ता भाई अशरफ की हुई हत्या को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
इसके साथ ही इस याचिका में 2017 से यूपी में हुए सभी 183 पुलिस मुठभेड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज की निगरानी में स्वतंत्र कमेटी बनाने की मांग की गई है। वहीं मामले में यूपी सरकार की बात करें तो उसने अतीत और अशरफ हत्याकांड की छानबीन के लिए पहले ही न्यायिक जांच के आदेश दे दिये हैं।
इसके साथ ही यूपी पुलिस महानिदेशक की ओर से बनाई गई विशेष एसआईटी और प्रयागराज पुलिस कमिश्नर की ओर से बनाई गई अलग एसआईटी भी मामले की पड़ताल कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस जनहित याचिका को खारिज किये जाने को लेकर अपनी ओर से काफी पुख्ता इंतजाम कर लिया है।
बताया जा रहा है कि यूपी सरकार की ओर से मामले को देखने के लिए विशेष तौर पर दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बीते दो दिनों से दिल्ली में हैं और राज्य सरकार की ओर से पेश किये जाने वाले सभी तर्कों और दस्तावेजों को तैयार कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका 18 अप्रैल को अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की थी। चूंकि अतीक और अशरफ की हत्या शनिवार को हुई थी और अगले दिन रविवार था। इस कारण हत्या को दो दिन बाद सोमवार को विशाल तिवारी ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख दी थी।
वहीं इस याचिका के साथ इसके पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने भी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करके अतीक-अशरफ हत्याकांड मामले की जांच राज्य सरकार के एजेंसियों से लेकर सीबीआई को स्थानांतरित करने की अपील की थी। इस याचिका के संबंध में अमिताभ ठाकुर ने जो दलील पेश की है। उसके मुताबिक भले ही अतीक और अशरफ सजायाफ्ता अपराधी हों लेकिन बावजूद उसके दोनों की जिस प्रकार से हत्याएं हुईं, वो राज्य सरकार के कानून-व्यवस्था पर भारी सवाल खड़ा करती है।
याचिका में उन्होंने कहा कि इस हत्या के बाद जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले को ढीला करने का प्रयास किया है और मामले में कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है, उससे भी इस मामले के उच्च स्तरीय षड्यंत्र की संभावना दिखती है। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि केस सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए।