क्या पर्यावरण मंत्री सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा- समन नहीं, सुझाव समझें

By भाषा | Published: February 19, 2020 02:56 PM2020-02-19T14:56:52+5:302020-02-19T14:56:52+5:30

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से पूछा कि क्या मंत्री अदालत की सहायता के लिए बातचीत करने आ सकते हैं। पीठ ने नादकर्णी से कहा, ‘‘क्या पर्यावरण मंत्री उच्चतम न्यायालय आ सकते हैं और बिजली अथवा हाइड्रोजन से चलने वाले गैर-प्रदूषणकारी वाहन लाने के प्रस्ताव पर जानकारी दे सकते हैं ?’’

Supreme Court to take up EVs, pollution issues with Nitin Gadkari | क्या पर्यावरण मंत्री सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा- समन नहीं, सुझाव समझें

पीठ ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि प्रशांत भूषण जी राजनीतिक शख्सियत हैं लेकिन वह मंत्री से जिरह करने नहीं जा रहे हैं।’’

Highlightsक्या पर्यावरण मंत्री न्यायालय में आकर ई-वाहन संबंधी प्रस्ताव पर जानकारी दे सकते हैं: शीर्ष अदालत।नादकर्णी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री के आने का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग किया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से, सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों और सरकारी वाहनों की जगह क्रमिक रूप से विद्युत चालित वाहन (ईवी) लाने के मुद्दे पर बुधवार को इच्छा जताई कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री इस विषय पर न्यायालय में आकर बातचीत करें।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से पूछा कि क्या मंत्री अदालत की सहायता के लिए बातचीत करने आ सकते हैं। पीठ ने नादकर्णी से कहा, ‘‘क्या पर्यावरण मंत्री उच्चतम न्यायालय आ सकते हैं और बिजली अथवा हाइड्रोजन से चलने वाले गैर-प्रदूषणकारी वाहन लाने के प्रस्ताव पर जानकारी दे सकते हैं ?’’

नादकर्णी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री के आने का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं के अदालत में उपस्थित होने में कुछ गलत नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि प्रशांत भूषण जी राजनीतिक शख्सियत हैं लेकिन वह मंत्री से जिरह करने नहीं जा रहे हैं।’’

इससे पहले सुनवाई के दौरान एनजीओ सीपीआईएल की ओर से भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी मिशन योजना, 2020 पेश की गयी थी जिसके अनुसार सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने थे। भूषण ने कहा कि योजना के अंतर्गत अधिकारियों को सब्सिडी मुहैया कराके बिजली चालित वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना होगा।

उन्हें मॉल तथा पेट्रोल पंप समेत सार्वजनिक स्थलों पर बिजली से चलने वाले वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने होंगे। पीठ ने चार सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित कर दी और आदेश दिया कि इस दौरान बिजली चालित वाहनों से संबंधित सभी मुद्दों पर सरकार विचार करे। 

Web Title: Supreme Court to take up EVs, pollution issues with Nitin Gadkari

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