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सर्दियों की छुट्टी के बाद आज खुलेगा सुप्रीम कोर्ट, सीएए और अनुच्छेद 370 जैसे मामलों पर होगी सुनवाई

By भाषा | Updated: January 6, 2020 06:38 IST

सर्दियों की छुट्टी के बाद सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फिर से खुलने पर सबकी नजरें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने जैसे विवादास्पद मुद्दों पर शीर्ष अदालत सुनवाई करेगी।

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सर्दियों की छुट्टी के बाद सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फिर से खुलने पर सबकी नजरें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने जैसे विवादास्पद मुद्दों पर शीर्ष अदालत सुनवाई करेगी। नये साल में उच्चतम न्यायालय के प्रथम कार्य दिवस पर टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) द्वारा दायर याचिका का भी उल्लेख किये जाने की संभावना है।

इस याचिका के जरिए एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को बहाल किया गया था। याचिका में कहा गया है कि इस फैसले ने कॉरपोरेट लोकतंत्र और इसके निदेशक मंडल के अधिकारों को कमजोर किया है।

शीर्ष न्यायालय इस विवादास्पद मुद्दे भी विचार करेगा कि ‘क्रीमी लेयर’ की अवधारणा पदोन्नति में आरक्षण देते हुए क्या अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) पर भी लागू की जानी चाहिए। शीर्ष न्यायालय वायु प्रदूषण के विषय पर भी नजर रखेगा। इस विषय में न्यायालय ने समय-समय पर कुछ निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के अनुच्छेद 370 (जम्मू कश्मीर से हटाने के केंद्र के फैसले) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 21 जनवरी को आगे की सुनवाई करने की संभावना है।

इन याचिकाओं के जरिए केंद्र सरकार के पिछले साल के अगस्त के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किया गया था। शीर्ष न्यायालय ने 12 दिसंबर को यह संकेत दिया था कि वह सभी पक्षों की शुरूआती दलीलें सुनने के बाद इस विषय को सात सदस्यीय एक वृहद पीठ को भेजने के सवाल पर विचार कर सकता है।

अगस्त में जम्मू कश्मीर में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की याचिका सहित कई और याचिकाओं के एक समूह पर आने वाले न्यायालय के फैसले पर भी सभी की नजरें होंगी। दरअसल, न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले साल 27 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह पर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा 22 जनवरी को सुनवाई करने का कार्यक्रम है। शीर्ष न्यायालय ने 18 दिसंबर को इस मुद्दे की पड़ताल करने के लिए सहमत होते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया था और जनवरी के दूसरे हफ्ते तक उसका जवाब मांगा था। हालांकि, इस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। वर्ष 2020, सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे की पड़ताल के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा सात सदस्यीय संविधान पीठ भी गठित करने का भी गवाह बनेगा।

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