'समान काम समान वेतन' मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द, 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को झटका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 10, 2019 11:13 AM2019-05-10T11:13:21+5:302019-05-10T11:13:21+5:30
बिहार नियोजित शिक्षकों का मामला: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के नियोजित शिक्षकों के हक में फैसला दिया था। पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वो नियोजित शिक्षकों को भी सरकारी टीचरों की तरह ही समान वेतन दें।
बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम, समान वेतन वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकारी स्कूलों के कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों नियमित करने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने नियोजित शिक्षक को नियमित स्थायी शिक्षक के समान वेतन देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिहार के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट नंबर 6 में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस अभय ललित ने इस मामले में फैसला सुनाया है।
Supreme Court sets aside the Patna High Court order that had ruled
— ANI (@ANI) May 10, 2019
that nearly 3.5 lakh contract teachers in government schools in Bihar are entitled to a salary on a par with the regular permanent teachers, .
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने साल 2009 में नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन की मांग करते हुए याचिका पटना हाइकोर्ट में दाखिल की थी। लंबी सुनवाई के बाद पटना हाइकोर्ट ने 31 अक्तूबर, 2017 को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के पक्ष में फैसला दिया था। माध्यमिक शिक्षक संघ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वो शिक्षकों को समान वेतन दें। बिहार राज्य सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पहले 11 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। जिसके बाद जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस उदय उमेश ललित की खंडपीठ में इस मामले की अंतिम सुनवाई कर 3 अक्टूबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।