उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के प्रयास के आरोपी को बरी करने के अदालत के फैसले को रद्द किया
By भाषा | Updated: October 25, 2021 22:55 IST2021-10-25T22:55:27+5:302021-10-25T22:55:27+5:30

उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के प्रयास के आरोपी को बरी करने के अदालत के फैसले को रद्द किया
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने दंड कानूनों के तहत अपराध करने के लिए 'तैयारी' और 'प्रयास' के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें 2005 में दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के प्रयास के सख्त आरोप से एक व्यक्ति को बरी कर दिया गया था। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने आरोपी को तत्काल जेल में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने अपराध के लिए शर्तों, 'तैयारी' और 'प्रयास', के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। सर्वोच्च अदालत ने और कहा कि अपराध के प्रयास में इरादा व "नैतिक अपराध" शामिल है और सामाजिक मूल्यों पर इसका प्रभाव वास्तविक अपराध से कम नहीं है।
उच्चतम न्यायालय का यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार की एक अपील पर आया है। इसमें सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को "त्रुटिपूर्ण" बताया। उच्च न्यायालय ने आठ और नौ साल की दो बच्चियों से बलात्कार के प्रयास के कठोर आरोप से यह कहते हुए एक अभियुक्त को बरी कर दिया था कि उसने केवल तैयारी की थी और नाबालिगों के साथ बलात्कार का प्रयास नहीं किया था।
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