पत्नी को गुजारा भत्ता देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से मांगा जवाब
By भाषा | Published: October 14, 2019 08:12 PM2019-10-14T20:12:02+5:302019-10-14T20:12:02+5:30
गैर सरकारी संगठन ने अपनी महासचिव और अधिवक्ता स्नेहा कलिता के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि ऐसे मामलों में पति और पत्नी दोनों के लिये हलफनामे पर अपनी आय के स्रोत तथा दूसरे संबंधित विवरण की जानकारी देने के लिये एक मानक प्रारूप तैयार किया जाये जो जीवन साथी द्वारा गुजारा भत्ते का निर्धारण करने में मददगार होगा।
उच्चतम न्यायालय ने वैवाहिक विवाद में गुजारे भत्ते के लिये कुटुम्ब अदालतों में आने वाले मामलों में पति और पत्नी से जानकारी प्राप्त करने के लिये एक समान मानक प्रारूप तैयार करने का निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को केन्द्र सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘सिटीजन राइट्स ट्रस्ट’ की जनहित याचिका पर सामाजिक न्याय मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को नोटिस जारी किये। इन सभी को चार सप्ताह के भीतर नोटिस के जवाब देने हैं।
पीठ ने इसके साथ ही पहले से लंबित मामले के साथ इस याचिका को संलग्न कर दिया और इसे चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया। शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और अनीता शिनाय को इस मामले में न्याय मित्र नियुक्त किया। न्यायालय ने ऐसे विवाद में गुजारा भत्ते का निर्धारण करने के लिये पति पत्नी द्वारा तमाम जानकारियां देने के लिये एक माडल हलफनामा तैयार करने के बारे में न्याय मित्रों को भी सुझाव देने के लिये कहा है।
गैर सरकारी संगठन ने अपनी महासचिव और अधिवक्ता स्नेहा कलिता के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि ऐसे मामलों में पति और पत्नी दोनों के लिये हलफनामे पर अपनी आय के स्रोत तथा दूसरे संबंधित विवरण की जानकारी देने के लिये एक मानक प्रारूप तैयार किया जाये जो जीवन साथी द्वारा गुजारा भत्ते का निर्धारण करने में मददगार होगा।
याचिका में कहा गया है कि दोनों पक्षों द्वारा प्रारंभिक दौर की कार्यवाही में ही मानक प्रारूप में हलफनामे पर सारी अपेक्षित जानकारी मुहैया कराने पर वैवाहिक विवाद से संबंधित मामलों में अनावश्यक विलंब से बचा जा सकेगा और निर्धारित प्रारूप में दी गयी जानकारी मुआवजे की राशि का निर्धारण करने में अदालत के लिये मददगार होगी।