बुलडोजर कार्रवाई पर SC में सुनवाई, 'मात्र दोषी होने पर, आप उसका घर कैसे गिरा सकते?'
By आकाश चौरसिया | Updated: September 2, 2024 13:57 IST2024-09-02T13:12:38+5:302024-09-02T13:57:20+5:30
सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन को लेकर हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस बोले कि आप मात्र अपराधी या दोषी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते हैं। न्यायालय ने आगे कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो आप म्युनिसिपल लॉ के अंतर्गत करें।

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर पूछे कई अहम सवाल
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह कार्रवाई उचित नहीं है। उन्होंने माना कि दोषी या आरोपी होने पर भी कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि किसी भी अपराध के आरोपी व्यक्तियों के घरों के संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई बुलडोजर/तोड़फोड़ की कार्रवाई उचित नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो आप म्युनिसिपल लॉ के अंतर्गत ऐसी कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
आपराधिक मामलों में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की राज्य सरकारों की अनुमति को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर न्यायमूर्ति भूषण आर गवई की अगुवाई वाली पीठ सुनवाई कर रही थी। याचिका में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुलडोजर चलाने की हालिया घटनाओं का हवाला दिया गया और आरोप लगाया गया कि 'बुलडोजर कार्रवाई' में अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।
वकील फारूक रशीद द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न का चक्र चलाने और उन्हें डराने के लिए, राज्य सरकारें उनके घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को प्रोत्साहित कर रही हैं।
Hearing on a batch of pleas assailing bulldozer/demolition action undertaken by authorities in relation to houses of persons accused of crimes | Supreme Court remarks that how can demolition take place if someone is accused and the property can't be demolished even if he is… pic.twitter.com/dAXxggbYxf
— ANI (@ANI) September 2, 2024
बुलडोजर नीति का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम (SC) कोर्ट की टिप्पणी है कि अगर कोई आरोपी है तो तोड़फोड़ कैसे हो सकती है और दोषी पाए जाने पर भी संपत्ति नहीं ढहाई जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सार्वजनिक सड़कों में बाधा डालने वाली किसी भी अवैध संरचना की रक्षा नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों से सुझाव देने को कहा ताकि शीर्ष अदालत अचल संपत्तियों के विध्वंस से संबंधित मुद्दे पर अखिल भारतीय आधार पर उचित दिशानिर्देश जारी कर सके।
एमनेस्टी इंटरनेशनल रिपोर्ट
फरवरी, 2024 में एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रैल 2022 से जून 2022 के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद 128 संपत्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।