व्हाट्सऐप की निगरानी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र को फटकार, कहा- ये निगरानी राज बनाने जैसा है
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 13, 2018 07:48 PM2018-07-13T19:48:19+5:302018-07-13T19:48:19+5:30
एएम सिंघवी ने कहा, ‘‘वे सोशल मीडिया हब के जरिए सोशल मीडिया की विषयवस्तु की निगरानी करना चाहते हैं।’’
नयी दिल्ली , 13 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ऑनलाइन डेटा पर निगरानी करने के लिए सोशल मीडिया हब के गठन के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्णय पर सख्त रूख अपनाते हुए आज कहा कि यह ‘‘निगरानी राज बनाने जैसा’’ होगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार नागरिकों के व्हाट्सएप संदेशों को टैप करना चाहती है और उससे दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया साथ ही इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा। पीठ ने कहा , ‘‘सरकार नागरिकों के व्हाट्सएप संदेशों को टैप करना चाहती है और यह ‘‘निगरानी राज बनाने जैसा’’ होगा।
मोइत्रा की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि सरकार ने आवेदन मंगाए हैं और निविदा 20 अगस्त को खुलेगी ।
एएम सिंघवी ने कहा , ‘‘वे सोशल मीडिया हब के जरिए सोशल मीडिया की विषयवस्तु की निगरानी करना चाहते हैं।’’ इस पर पीठ ने कहा कि वह 20 अगस्त को टेंडर खुलने के पहले इस मामले को तीन अगस्त के लिए सूचिबद्ध कर रही है और अटॉर्नी जनरल अथवा सरकार का कोई भी विधिक अधिकारी इस मामले में न्यायालय की सहायता करेगा।
इससे पहले 18 जून को शीर्ष अदालत ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार किया था जिसमें सोशल मीडिया कम्यूनिकेशन हब बनाने के केन्द्र सरकार के कदम पर रोक लगाने की मांग की गई थी जो डिजिटल तथा सोशल मीडिया की विषयवस्तु को एकत्र कर उसका विश्लेषण करेगा।
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