पीएम मोदी को गुजरात दंगों में क्लीन चिट के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, जाकिया जाफरी ने दी थी चुनौती
By विनीत कुमार | Published: June 24, 2022 11:01 AM2022-06-24T11:01:56+5:302022-06-24T11:32:57+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने जकिया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें एसआईटी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को हिंसा में उनकी कथित भूमिका के लिए क्लीन चिट दिए जाने को लेकर सवाल उठाया गया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें विशेष जांच दल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को हिंसा में उनकी कथित भूमिका के लिए क्लीन चिट पर सवाल उठाया गया था।
एहसान जाफरी 2002 में गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए थे। गुजरात दंगों के समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।
कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में एसआईटी के फैसले के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में SIT की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी, जिसमें 64 लोगों को क्लीन चिट दी गईथ थी।
जस्टिस ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एसआईटी की मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा।
इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक याचिका गुजरात हाई कोर्ट में भी लाई गई थी। हाई कोर्ट ने 2017 में इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि जाफरी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
एहसान जाफरी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे। इससे एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। इन घटनाओं के बाद ही गुजरात में दंगे भड़क गए थे।
जकिया ने अपनी याचिका में राज्य में हिंसा के दौरान एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 64 व्यक्तिों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी थी। इस मामले में जकिया के साथ ही तीस्ता सीतलवाड दूसरे नंबर की याचिकाकर्ता थीं।