JEE-NEET: परीक्षा नहीं टलेगी, सुप्रीम कोर्ट में गैर-भाजपा शासित छह राज्यों को झटका

By एसके गुप्ता | Published: September 4, 2020 05:38 PM2020-09-04T17:38:47+5:302020-09-04T18:12:00+5:30

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति बी आर गवई औैर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर अपने चैंबर में विचार किया और न्यायालय में सुनवाई के लिये इसे सूचीबद्ध करने का अनुरोध अस्वीकर कर दिया।

Supreme Court Rejects 6 Opposition-Ruled States' Plea JEE, NEET To Go Ahead | JEE-NEET: परीक्षा नहीं टलेगी, सुप्रीम कोर्ट में गैर-भाजपा शासित छह राज्यों को झटका

पुनर्विचार याचिकाओं में एक याचिका छह राज्यों के मंत्रियों की भी थी।

Highlightsसंबंधित दस्तावेजों का सावधानी से अध्ययन किया और हमें पुनर्विचार याचिका में कोई तत्व की बात नहीं मिली। जेईई मुख्य परीक्षा एक से छह सितंबर तक आयोजित कर रही है जबकि नीट की परीक्षाओं का आयोजन 13 सितंबर को होगा।

नई दिल्लीः जेईई मुख्य परीक्षा और नीट-यूजी परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। जिससे परीक्षाएं न होने की तमाम संभावनाएं इसके साथ समाप्त हो गई हैं। कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि परीक्षाएं अपने शेड्यूल के आधार चलेंगी।

सुप्रीम कोर्ट में गैर भाजपा शासित छह राज्यों के मंत्रियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। जेईई-नीट को लेकर जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने विचार करने के बाद पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया। इससे पहले 17 अगस्त को फैसला देने वाली पीठ की अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा ने की थी।

उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उनके स्थान पर जस्टिस अशोक भूषण ने ली है। अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त का आदेश नीट और जेईई परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की सुरक्षा और उनके जीवन के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रहा है।

याचिका लगाने वाले छह राज्यों के मंत्रियों में महाराष्ट्र से उदय सामंत, छत्तीसगढ़ से अमरजीत भगत, पश्चिमी बंगाल से मोलाॅय घटक, झारखंड से रामेश्वर उरांव और पंजाब से बलबीर सिद्धू शामिल थे। हालांकि इससे पहले भी कोरोना वायरस संक्रमण की दलीलों के बीच विभिन्न राज्यों के 11 छात्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा करने से छात्रों का करियर संकट में पड़ जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने नीट और जेईई की प्रत्यक्ष परीक्षा के आयोजन की अनुमति देने संबंधी 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये गैर-भाजपा शासित छह राज्यों के मंत्रियों की याचिका सहित सारी याचिकायें शुक्रवार को खारिज कर दीं।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति बी आर गवई औैर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर अपने चैंबर में विचार किया और न्यायालय में सुनवाई के लिये इसे सूचीबद्ध करने का अनुरोध अस्वीकर कर दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘पुनर्विचार याचिकायें दायर करने की अनुमति संबंधी आवेदनों को अनुमति दी जाती है। हमने पुनर्विचार याचिकाओं और इससे संबंधित दस्तावेजों का सावधानी से अध्ययन किया और हमें पुनर्विचार याचिका में कोई तत्व की बात नहीं मिली। तद्नुसार इसे खारिज किया जाता है।’’

राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए), जो दोनों परीक्षाओं का आयोजन करती है, जेईई मुख्य परीक्षा एक से छह सितंबर तक आयोजित कर रही है जबकि नीट की परीक्षाओं का आयोजन 13 सितंबर को होगा। पुनर्विचार याचिकाओं में एक याचिका छह राज्यों के मंत्रियों की भी थी।

यह याचिका दायर करने वालों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बी एस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत शामिल हैं। 

 

Web Title: Supreme Court Rejects 6 Opposition-Ruled States' Plea JEE, NEET To Go Ahead

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