सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामले में बरी किए गए चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया, ये शर्तें भी लगाईं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 17, 2023 04:44 PM2023-05-17T16:44:07+5:302023-05-17T16:45:34+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 17 मई को आदेश दिया कि 2008 के जयपुर बम धमाकों के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा बरी किए गए चार लोगों को रिहा किया जाए। जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और राजेश बिंदल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्ण रोक लगाने से इनकार करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं।

Supreme Court orders release of four acquitted in Jaipur bomb blast case On Conditions | सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामले में बरी किए गए चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया, ये शर्तें भी लगाईं

सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामले में बरी किए गए चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया

Highlights13 मई, 2008 को जयपुर में हुए थे श्रृंखलाबद्ध विस्फोटट्रायल कोर्ट ने 4 लोगों को मौत की सजा सुनाई थीराजस्थान उच्च न्यायालय ने चारों को बरी कर दिया था

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 17 मई को आदेश दिया कि 2008 के जयपुर बम धमाकों के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा बरी किए गए चार लोगों को रिहा किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें रिहा कर दिया जाए।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और राजेश बिंदल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्ण रोक लगाने से इनकार करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर अभियुक्तों की रिहाई से पहले, जमानत बांड से संबंधित फैसले के पैरा 94 का कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए।

सभी आरोपी व्यक्तियों को अपना पासपोर्ट (यदि कोई हो) जमा करना आवश्यक है। इसके अलावा यदि अभियुक्त राजस्थान एटीएस के कार्यालय को रिपोर्ट नहीं करते हैं तो राजस्थान राज्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने का रास्ता हमेशा खुला रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राजस्थान राज्य द्वारा दायर एक चुनौती पर विचार कर रहा था। इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ 2008 के जयपुर श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में मारे गए लोगों के कुछ परिजनों ने याचिका दायर की थी। याचिका में मौत की सजा पाए चार लोगों को बरी करने के राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी।

13 मई, 2008 को मानक चौक खंड, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल उठा था। विस्फोटों में 71 लोग मारे गए थे और 185 घायल हुए थे। बीस मिनट के अंतराल पर इन क्षेत्रों में सिलसिलेवार सात बम धमाके हुए थे। बम विस्फोटों के पांच आरोपियों में से मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को दोषी मानते हुए विशेष न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय चारो आरोपियों को बरी कर दिया था। जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की खंडपीठ ने मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान अंसारी, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद सलमान को बरी कर दिया, जिन्हें 2019 में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था,  "यह मामला संस्थागत विफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। जिसके परिणामस्वरूप एक दोषपूर्ण/त्रुटिपूर्ण/खराब जांच हुई है। हमें डर है कि जांच एजेंसियों की विफलता के कारण पीड़ित होने वाला यह पहला मामला नहीं है और अगर चीजों को वैसे ही जारी रखा जाता है तो यह निश्चित रूप से आखिरी मामला नहीं होगा जिसमें खराब जांच के कारण न्याय प्रशासन प्रभावित हुआ है।"

Web Title: Supreme Court orders release of four acquitted in Jaipur bomb blast case On Conditions

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