राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों और आवारा पशुओं को जल्द हटाएं, उच्चतम न्यायालय ने दिया आदेश, स्कूल-अस्पताल से कुत्तों को बाहर कीजिए...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 7, 2025 12:05 IST2025-11-07T11:29:45+5:302025-11-07T12:05:09+5:30

उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख तय की। 

Supreme Court orders immediate removal cattle other stray animals from highways and expressways | राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों और आवारा पशुओं को जल्द हटाएं, उच्चतम न्यायालय ने दिया आदेश, स्कूल-अस्पताल से कुत्तों को बाहर कीजिए...

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Highlightsशैक्षणिक केंद्रों, अस्पतालों जैसी जगहों में कुत्तों द्वारा काटे जाने की बढ़ती घटनाओं पर गौर किया। राजमार्गों, एक्सप्रेसवे से मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं को हटाना सुनिश्चित करें। संयुक्त अभियान चलाने को कहा जहां आवारा पशु अक्सर पाए जाते हैं। 

नई दिल्लीः आवारा कुत्तों मामले पर सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने एनएचएआई सहित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राजमार्गों, एक्सप्रेसवे से मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं को हटाना सुनिश्चित करें। न्यायालय ने प्राधिकारियों से राजमार्गों के उन हिस्सों की पहचान करने के लिए संयुक्त अभियान चलाने को कहा जहां आवारा पशु अक्सर पाए जाते हैं। प्राधिकारियों को राजमार्गों पर पाए जाने वाले आवारा पशुओं को हटाने और उन्हें निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। शैक्षणिक केंद्रों, अस्पतालों जैसी जगहों में कुत्तों द्वारा काटे जाने की बढ़ती घटनाओं पर गौर किया।

प्राधिकारियों से सरकारी, निजी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों आदि के परिसरों में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोकने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों आदि के परिसरों में पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में ले जाएं। शैक्षणिक केंद्रों, अस्पतालों आदि जैसे संस्थानों से हटाए गए आवारा कुत्तों को उन्हीं स्थानों पर वापस नहीं छोड़ा जाए।

उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख तय की। उच्चतम न्यायालय ने शैक्षणिक केंद्रों और अस्पतालों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामलों में ‘‘खतरनाक वृद्धि’’ पर शुक्रवार को गौर करते हुए निर्देश दिया कि ऐसे कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में भेजा जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की विशेष पीठ ने आवारा कुत्तों के मामले में कई निर्देश पारित किए। उसने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं को हटाना एवं उनका निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए।

पीठ ने प्राधिकारियों को सरकारी एवं निजी शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों आदि के परिसरों में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोकने का निर्देश दिया ताकि कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं को रोका जा सके। उसने निर्देश दिया कि ऐसे संस्थानों से हटाए गए आवारा कुत्तों को वापस उन्हीं स्थानों पर नहीं छोड़ा जाए।

पीठ ने प्राधिकारियों को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सहित राजमार्गों के उन हिस्सों की पहचान करने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाने को कहा, जहां आवारा जानवर अक्सर पाए जाते हैं। मामले में आगे की सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख निर्धारित की गई है।

न्यायालय ने तीन नवंबर को कहा था कि वह उन संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों के काटने की गंभीर समस्या से निपटने के लिए अंतरिम दिशानिर्देश जारी करेगा, जहां कर्मचारी आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं और उन्हें प्रश्रय देते हैं। न्यायालय 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें आवारा कुत्तों के काटने से विशेषकर बच्चों में रेबीज फैलने की बात कही गई थी।

Web Title: Supreme Court orders immediate removal cattle other stray animals from highways and expressways

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