सुप्रीम कोर्ट का फैसला, हिंदू उत्तराधिकार एक्ट-2005 के तहत हर हाल में पिता की संपत्ति में बेटी को बराबर का अधिकार
By पल्लवी कुमारी | Published: August 11, 2020 01:10 PM2020-08-11T13:10:09+5:302020-08-11T13:10:09+5:30
2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 में संशोधन किया गया था। संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत कहा गया कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी बराबर का हिस्सा दिया जाएगा।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून (2005) के तहत पिता की संपत्ति में बेटी का हर परिस्थिति में बराबर का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 2005 के संशोधन के बाद हिंदू महिलाओं के पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदारी है। जस्टिस अरुण मिश्री की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। जस्टिस अरुण मिश्री के अलावा इस बेंच में एस अब्दुल नजीर और एमआर शाह शामिल थे। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि बेटियों और बेटों को समान अधिकार मिलेगा।
अगर पिता की मृत्यु हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून लागू होने से पहले हुई हो तो भी बेटियों का संपत्ति में हक
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया है कि हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के लागू होने से पहले अगर पिता का देहांत हो गया हो तब भी बेटी का बराबर हिस्सा होगा। यानी संपत्ति में बेटी को बराबर हिस्सेदारी वाला कानून हर हाल में लागू होगा। भारत में 9 सितंबर, 2005 से हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून, 2005 लागू हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर पिता का देहांत 9 सितंबर, 2005 से पहले भी हुआ हो तो भी बेटियों को पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा।
Supreme Court in its order says that a daughter is entitled to equal property rights under the amended Hindu Succession Act. pic.twitter.com/LfMWOAxNxx
— ANI (@ANI) August 11, 2020
हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत होती है दो तरह की संपत्ति
असल में हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के लागू होने के बाद लोगों में यह दुविधा थी कि अगर पिता का देहांत 2005 से पहले हुआ हो तो क्या ये कानून ऐसे परिवार भी लागू होगा या नहीं। लेकिन आज (11 अगस्त) को जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने ये फैसला दिया कि ये कानून हर परस्थिति में लागू होगा
गौरतलब है कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत दो तरह की संपत्ति होती है। एक जो पिता द्वारा खरीदी गई हो और दूसरी जो आपकी पैतृक संपत्ति होती है। पैतृक संपत्ति उसके कहते हैं जो पिछली चार पीढ़ियों से पुरुषों को मिलती आई है। सुप्रीम कोर्ट ने अब साफ किया है कि बेटी हो या बेटा इन दोनों तरह की संपति में दोनों का जन्म से बराबर का अधिकार होगा।