राफेल डील की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- CBI को पहले अपना घर तो ठीक करने दें
By पल्लवी कुमारी | Published: October 31, 2018 11:18 PM2018-10-31T23:18:29+5:302018-10-31T23:18:29+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी राफेल डील को लेकर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पूर्व केन्द्रीय मंत्री - अरूण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही।
राफेल डील पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की जांच कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने की एक याचिका पर बुधवार को कहा कि जांच एजेंसी को पहले अपना घर संभाल लेने दीजिए, उसके बाद इस विषय पर विचार किया जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा, ''पहले सीबीआई को अपना घर संभाल लेने दीजिए।''
प्रशांत भूषण और पूर्व केन्द्रीय मंत्री - अरूण शौरी और यशवंत सिन्हा ने दायर की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी राफेल डील को लेकर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पूर्व केन्द्रीय मंत्री - अरूण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। इन तीनों ने अपनी याचिका में अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।
प्रशांत भूषण ने जब राफेल डील की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने के सिलसिले में याचिका में किए गए अनुरोध का उल्लेख किया तो रंजन गोगई ने कहा, आपको इंतजार करना होगा। बता दें कि सीबीआई इन दिनों आंतरिक कलह से जूझ रहा है। सीबीआई के चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। राकेश अस्थाना पर घूस के आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र मोदी सरकार से राफेल डील को लेकर दस दिनों के अंदर मांगा जवाब
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र मोदी सरकार से फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का ब्योरा दस दिनों के अंदर सीलबंद लिफाफे में मांगा है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में सरकार को कुछ छूट भी दी। सरकार ने सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि कीमत से जुड़ी सूचनाएं इतनी संवेदनशील है कि उन्हें संसद के साथ भी साझा नहीं किया गया है।
न्यायालय ने कहा कि केन्द्र सौदे के फैसले की प्रक्रिया को सार्वजनिक करे, सिर्फ गोपनीय और सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा नहीं करे।
पीठ ने कहा कि सरकार 10 दिन के भीतर ये सूचनाएं याचिकाकर्ताओं के साथ साझा करे। याचिकाकर्ता इसपर सात दिन के भीतर जवाब दे सकते हैं। न्यायालय ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 नवंबर तय की है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)