सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह को पड़ा दिल का दौरा, हिमाचल से दिल्ली किया जा रहा शिफ्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: June 16, 2022 04:36 PM2022-06-16T16:36:02+5:302022-06-16T16:46:43+5:30
हिमाचल प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह को हिमाचल प्रदेश से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया जा रहा है। शाह सीने में कुछ तकलीफ के कारण अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने न्यायमूर्ति शाह के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना की है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह को हिमाचल प्रदेश में तबीयत बिगड़ने के बाद विमान से दिल्ली लाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ट्वीट किया कि न्यायमूर्ति शाह को हिमाचल प्रदेश में दिल का दौरा पड़ा और उन्हें दिल्ली ले जाने की व्यवस्था की जा रही थी। जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति एमआर शाह सीने में कुछ तकलीफ के कारण अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण इलाज के लिए दिल्ली लाने के वास्ते न्यायमूर्ति शाह और गृह मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं।
वहीं, गौरव भाटिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, "सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश एमआर शाह को हिमाचल प्रदेश में रहते हुए दिल का दौरा पड़ा है। उन्हें दिल्ली भेजने की व्यवस्था की जा रही है। ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।" मालूम हो, 64 वर्षीय जज एमआर शाह ने गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और फिर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश का कार्यभार संभालने से पहले पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।
Hon'ble Justice MR Shah Judge Supreme Court of India has suffered a heart attack while he was in Himachal Pradesh. Arrangements being made to rush him to Delhi. Praying to God for his speedy recovery. 🙏
— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया (@gauravbh) June 16, 2022
बताते चलें कि जस्टिस एमआर शाह ने एक मौके पर पीएम मोदी को 'लोकप्रिय, प्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता' बताया था। जस्टिस एमआर शाह 15 मई 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। न्यायमूर्ति शाह ने पिछले एक सप्ताह में जिन हालिया मामलों की सुनवाई की, उनमें आम्रपाली समूह के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की सर्जरी और दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित एक अन्य याचिका शामिल है।