ऐतिहासिक! सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ की सुनवाई का पहली बार लाइव प्रसारण, उद्धव ठाकरे vs शिंदे गुट मामला भी शामिल
By विनीत कुमार | Published: September 27, 2022 11:54 AM2022-09-27T11:54:01+5:302022-09-27T12:14:15+5:30
सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ की कार्यवाही का लाइव प्रसारण 26 सितंबर से शुरू हो गया। फिलहाल यूट्यूब के माध्यम से कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। लोग अपने मोबाइल, लैपटॉप आदि से इस कार्यवाही को देख सकते हैं।
नई दिल्ली: भारतीय न्यायपालिका व्यवस्था में मंगलवार (27 सितंबर) को एक नया अध्याय जुड़ गया जब पहली बार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की सुनवाई का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। मंगलवार सुबह तीन मामलों में सुनवाई में एक मामला महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना पार्टी पर दावा भी शामिल रहा। दोनों गुटों की ओर से कई याचिकाएं दायर की गई हैं, इन सभी पर ये सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
सीजेआई की अध्यक्षता में हाल ही में लिए गए सर्वसम्मत निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर से सभी संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही को सीधे प्रसारित करने का फैसला किया। यह फैसला इस संबंध में 2018 में एक फैसला सुनाए जाने के लगभग चार साल बाद आया था।
27 सितंबर, 2018 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने संवैधानिक महत्व के मामलों में महत्वपूर्ण कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट या वेबकास्ट को लेकर ऐतिहासिक निर्णय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट फिलहाल यूट्यूब के माध्यम से कार्यवाही का सीधा प्रसारण कर रही है और बाद में इन्हें अपने सर्वर पर जारी किया जा सकता है। लोग सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर बिना किसी बाधा के देख सकते हैं।
बता दें कि अपनी स्थापना के बाद पहली बार 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एक वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से तत्कालीन चीफ जस्टिस (सेवानिवृत्त) एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया। यह एक औपचारिक कार्यवाही थी क्योंकि उस दिन जस्टिस रमण सेवानिवृत्त हो रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘यूट्यूब’ का उपयोग अस्थायी
लाइव प्रसारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उसकी कार्यवाही के सीधे-प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) के लिए उसका अपना 'प्लेटफ़ॉर्म' होगा और इस उद्देश्य के लिए ‘यूट्यूब’ का उपयोग अस्थायी है। सीजेआई उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बात उस समय कही जब भाजपा के पूर्व नेता के एन गोविंदाचार्य के वकील ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत की कार्यवाही का ‘कॉपीराइट’ यूट्यूब जैसे निजी मंच को नहीं सौंपा जा सकता है। सीजेआई ने कहा, 'यह शुरुआती चरण है। निश्चित रूप से हमारा अपना मंच होगा...हम इसका (कॉपीराइट मुद्दे का) ध्यान रखेंगे।'