'काली' पोस्टर विवाद: निर्माता लीना मणिमेकलाई को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 20, 2023 06:00 PM2023-01-20T18:00:49+5:302023-01-20T18:00:49+5:30
इस मामले में निर्माता लीना मणिमेकलाई की ओर से पेश वकील कामिनी जायसवाल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि लीना का इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
नई दिल्ली: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर के विवादों में आने के कारण फिल्म की निर्माना लीना मणिमेकलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। काली के पोस्टर को लेकर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इन केसों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस दौरान फिल्म निर्माता की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है।
दरअसल, डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर में लीना ने देवी काली के रूप में एक स्त्री को चित्रित किया था, जिसे सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। इस मामले में उन पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। देश के कई राज्यों में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद लीना मणिमेकलाई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
कोर्ट में काली पोस्टर को लेकर न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ सुनवाई कर रही है। पीठ ने लीना की याचिका पर केंद्र, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस ने लीना के खिलाफ एक लुक आउट नोटिस जारी किया है क्योंकि वह कनाडा में फिल्म निर्माता है और लुक आउट नोटिस के संबंध में एयरपोर्ट पर अधिकारियों द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पीठ ने आगे कहा कि कई राज्यों ने एक साथ मामला दर्ज कराया है, अधिक प्राथमिकी गंभीर पूर्वाग्रह का मामला हो सकता है। याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने यह भी कहा है कि सभी एफआईआर को एक जगह समेकित करने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है।
ऐसे में निर्माता लीना मणिमेकलाई की ओर से पेश वकील कामिनी जायसवाल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि लीना का इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं है। लीना ने जो याचिका दायर की है उसमें ये मांग की गई है कि दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में जो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है उसे रद्द कर दिया जाए।