सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी वरवरा राव को दी जमानत, रखी ये शर्त
By विनीत कुमार | Published: August 10, 2022 12:31 PM2022-08-10T12:31:42+5:302022-08-10T13:33:32+5:30
उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी पी. वरवर राव को चिकित्सकीय आधार पर बुधवार को जमानत दे दी। राव अभी चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत पर हैं।
मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव को बुधवार को स्वास्थ्य के आधार पर नियमित जमानत दे दी। वरवरा राव कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 83 साल के राव की याचिका ठुकरा दी थी। राव को जमानत देते हुए हालांकि कोर्ट ने मुंबई नहीं छोड़ने के भी निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि वरवरा राव ट्रायल कोर्ट की मंजूरी के बिना शहर नहीं छोड़ेंगे और न ही गवाहों से संपर्क करने की कोशिश करेंगे।
जस्टिस यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरवरा राव को जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से इसका दुरुपयोग ना करें। राव ने चिकित्सकीय आधार पर स्थायी जमानत संबंधी उनकी अपील को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। राव अभी चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत पर हैं।
गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुणे पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली और इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं।
मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी। राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने आठ जनवरी 2018 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।