उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों को सभी मौसम में जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण के लिये चारधाम विकास योजना के तहत विभिन्न परियोजनाओं को शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस योजना के तहत रोकी गयी परियोजनाओं के निर्माण का काम अगले आदेश तक रूका रहेगा।
न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने केन्द्र से कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर रोक लगाने की याचिका में अपना हलफनामा दाखिल करें। अधिकरण ने अपने आदेश में इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के साथ ही इनकी निगरानी के लिये एक समिति गठित की थी।
चारधान परियोजना का मकसद उत्तराखंड के चार पर्वतीय शहरों-यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को सभी मौसम के अनुकूल सड़कों से जोड़ना है।
इस परियोजना का मकसद हर मौसम में उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ना है। इसलिए इसे 'आल वेदर रोड' भी कहा जाता है।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में चार धाम परियोजना के बीच में आने वाले अटकलों को जल्द से जल्द दूर करने की बात कही थी।
इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है। अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे प्रयावरणविद नाराज हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)