कॉलेजियम ने तीसरी बार शाक्य सेन के कोलकाता हाईकोर्ट के जज के लिए सिफारिश की, दो बार आपत्ति जता चुका है केंद्र

By विशाल कुमार | Published: October 9, 2021 07:47 AM2021-10-09T07:47:22+5:302021-10-09T07:50:14+5:30

शाक्य सेन कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, बंगाल के कार्यवाहक राज्यपाल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्यामल सेन के पुत्र हैं. उन्होंने गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन के अधिकार क्षेत्र और सारदा घोटाले से जुड़े दो पैनलों का भी नेतृत्व किया था.

supreme-court-collegium-iterates-sakya-sens-name-for-third-time | कॉलेजियम ने तीसरी बार शाक्य सेन के कोलकाता हाईकोर्ट के जज के लिए सिफारिश की, दो बार आपत्ति जता चुका है केंद्र

फाइल फोटो.

Highlightsशाक्य सेन कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्यामल सेन के पुत्र हैं.साल 2017 में जब पहली बार सेन के नाम की सिफारिश की गई थी तब उनकी उम्र 45 साल से कम थी.शुक्रवार को कॉलेजियम ने उनका नाम तीसरी बार भेजा.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शुक्रवार को कोलकाता के वकील शाक्य सेन को कोलकाता हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा साफ तौर पर उठाई गई आपत्तियों को तीसरी बार खारिज कर दिया.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर के कॉलेजियम द्वारा पारित एक संक्षिप्त प्रस्ताव में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 8 अक्टूबर, 2021 को हुई अपनी बैठक में पुनर्विचार पर वकील शाक्य सेन को कोलकाता हाईकोर्ट में जज के रूप में पदोन्नत करने के लिए अपनी पिछली सिफारिशों को दोहराने का संकल्प लिया है.

एक अन्य प्रस्ताव में कॉलेजियम ने वकील सौभिक मित्तर को कोलकाता हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. कॉलेजियम ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में पदोन्नति के लिए लगभग दो दर्जन अन्य की भी सिफारिश की.

शाक्य सेन कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, बंगाल के कार्यवाहक राज्यपाल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्यामल सेन के पुत्र हैं. उन्होंने गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन के अधिकार क्षेत्र और सारदा घोटाले से जुड़े दो पैनलों का भी नेतृत्व किया था.

साल 2017 में जब पहली बार सेन के नाम की सिफारिश की गई थी तब उनकी उम्र 45 साल से कम थी जबकि हाईकोर्ट में नियुक्ति के लिए कम से कम 45 साल की उम्र चाहिए. इसके बाद 24 जुलाई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शाक्य सेन की पदोन्नति के लिए एक नई सिफारिश की थी.

हालांकि, इस साल 1 सितंबर को जबकि कॉलेजियम द्वारा चार अन्य नामों को दोहराया गया था, शाक्य सेन का उल्लेख नहीं किया गया था. लेकिन शुक्रवार को कॉलेजियम ने उनका नाम तीसरी बार भेजा.

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