बीएच लोया मौत से जुड़ी पीआईएल की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उलझे दोनों पक्षों के वकील
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 10, 2018 08:52 AM2018-02-10T08:52:20+5:302018-02-10T10:58:46+5:30
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की दिसंबर 2014 में मौत हो गई थी। द कारवाँ में नवंबर 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट में जज लोया की मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाया गया।
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत के मामले से जुड़ी पीआईएल की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जय सिंह और महाराष्ट्र सरकार के वकील मुकुल रोहतगी के बीच तीख नोंकझोंक हो गई। जज लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। सोहराबुद्दीन शेख मामले में बीजेपी नेता अमित शाह भी आरोपी थी। लोया की जगह मामले की सुनवाई करने वाले जज ने अमित शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। द कारवाँ पत्रिका ने नवंबर 2017 में लोया के परिजनों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में लोया की मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाया। हालाँकि मीडिया में रिपोर्ट के आने के बाद जज लोया के बेटे ने मीडिया से कहा कि उनके परिवार को लोया की मौत को लेकर कोई संदेह नहीं है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने याचिकाकर्ता की नीयत पर सवाल उठाया जिस पर इंदिरा जय सिंह भड़क गईं। इंदिरा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि जज लोया का उनकी मौत से एक दिन पहले तबादला किया गया था जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी भी फर्जी मुठभेड़ के मामले की सुनवाई होने तक संबंधित जज का तबादला न किया जाए। इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता को "....सुनवाई का मतलब भी पता है?"
मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत में कहा कि, "...याचिकाकर्ता के दावों से लगता है कि उनकी कुछ छिपी मंशा है।" इस पर इंदिरा जय सिंह भड़क गईं और कहा, "हाँ मेरी छिपी मंशा है, अब आप खुश हैं?" इस पर रोहतगी ने कहा, "हाँ, आपकी याचिका के पीछे छिपी मंशा है, ये आधारहीन और पीत पत्रकारिता से प्रेरित है।" मुकुल रोहतगी के ऐसा कहने पर इंदिरा जय सिंह ने उन्हें जज लोया की मौत से जुड़ी पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट में विरोधाभास की तरफ ध्यान दिलाया।